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जींद: बेसहारा पशुओं को पकड़ने के लिए अक्तूबर तक हादसों पर लगेगी लगाम

Suhani Malik
8 Aug 2022 5:27 AM GMT
जींद: बेसहारा पशुओं को पकड़ने के लिए अक्तूबर तक हादसों पर लगेगी लगाम
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ब्रेकिंग न्यूज़: जींद। शहर की सड़कों पर रात के समय में मौत का साया बनकर घूमने वाले बेसहारा गोवंश को सड़कों से हटाने के लिए नगरपरिषद ने अक्तूबर तक पुराने टेंडर को बढ़ाया है, ताकि सड़कों पर हर रात को इन पशुओं के कारण होने वाले हादसों को रोका जा सके। पिछले लंबे समय से ठेकेदार का टेंडर खत्म होने के कारण शहर की हर सड़क पर यह गोवंश यमराज बनकर घूम रहा था, लेकिन प्रशासन मौत के इस साये को सड़कों से हटाकर गोशाला में छोडने के लिए कोई काम नहीं कर रहा। जिसको देखेत हुए अब नगरपरिषद ने शहर की सड़कों से इन बेसहारा गोवंश को हटाने के लिए टेंडर अवधि को बढ़ाया। अब ठेकेदार शीघ्र ही गोवंश को पकड़कर गोशाला में छोडने का काम करेगा। शहर की सड़कों पर अंधेरा होते ही बेसहारा गोवंश का कब्जा हो जाता है। सड़क के बीचोबीच बैठे यह पशु दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। इसके अलावा यह पशु आपस में लड़ते रहते हैं, जिसके कारण इनकी चपेट में कई बार लोग आ चुके हैं। इन बेसहारा पशुओं को पकड़कर गोशाला में छोडने के लिए हर साल नगर परिषद द्वारा टेंडर छोड़े जाते हैं, लेकिन इसके बावजूद यह पशु फिर से सड़कों पर आ जाते हैं।

यह ठेकेदार नगर परिषद से पशु छोडने की एवज में पैसे वसूल कर लेता है, लेकिन इसके बावजूद सड़कों पर इन पशुओं का आना ठेकेदार की कर्तव्यनिष्ठा पर सवालिया निशान लगाता है। पिछले टेंडर की समयावधि में ठेकेदार ने 900 से अधिक बेसहारा पशुओं को पकड़कर गोशाला पहुंचाया था। टेंडर समाप्त हुए करीब छह माह बीत चुके है। फिलहाल जींद शहर में लगभग तीन हजार बेसहारा गोवंश घूम रहे हैं। हर कॉलोनी की गलियों व सड़कों पर यह पशु देखे जा सकते हैं। शहर के बीचों बीच से गुजरने वाली मुख्य सड़क पर तो जेल से लेकर रेलवे स्टेशन पर रात के समय इन पशुओं का जमावड़ा हो जाता है। शहर की स्ट्रीट लाइट अधिकतर समय खराब रहती हैं। इस कारण कई वाहन इन पशुओं से टकरा जाते हैं। इससे पशु को तो चोट लगती ही है, साथ ही वाहन चालक भी घायल हो जाते हैं। शहर के लोग बार-बार इन पशुओं को पकड़कर गोशाला में छोडने की गुहार लगाते हैं। नगर परिषद टेंडर छोड़कर इन पशुओं को गोशाला में छुड़वाती भी है, लेकिन इसके बावजूद सड़कों से बेसहारा पशु कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं।

इसी सप्ताह यूनिवर्सिटी के पास युवक की बेसहारा पशु से टक्कर होने पर हुई मौत चार दिन पहले यूनिर्सिटी के पास रात के समय शैटरिंग का काम करके वापस घर लौट रहे कृष्णा कालोनी निवासी रवि की बाइक की टक्कर बेसहारा गोवंश से हो गई। जिसके बाद रवि की नागरिक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इसके अलावा भी शहर में दर्जन भर लोग इन पशुओं के कारण घायल हो चुके हैं। नगर परिषद द्वारा पहले जिस कंपनी को बेसहारा पशुओं को गोशाला में छोडने का टेंडर दिया था। उसी कंपनी का टेंडर अब अक्तूबर तक बढ़ा दिया है, ताकि इस समय सभी सड़कों पर बेसहारा पशुओं की संख्या अधिक होने के कारण हो रही दुर्घटनाओं को रोका जा सके। इसके बाद नई प्रक्रिया शुरू कर दोबारा से टेंडर लगाए जाएंगे। नवंबर में नए सिरे से ऐसे नियम व शर्तें बनाई जाएंगीं। जिससे बेहसहारा पशु दोबारा सड़कों पर नहीं आ पाएं। ठेकेदार से इस प्रकार की गारंटी ली जाएगी कि यदि वह पशु दोबारा सड़क पर आया तो उसके पैसे ठेकेदार से वसूल किए जाएंगे।

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