हरियाणा
मुख्यमंत्री के ओएसडी बने जवाहर यादव, बोले विभाग नहीं, CM द्वारा सौंपी जिम्मेदारी है ज्यादा महत्वपूर्ण
Shantanu Roy
27 Jan 2023 6:49 PM GMT
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बड़ी खबर
चंडीगढ़। मुख्यमंत्री की बेहद विश्वसनीय टीम के सदस्य जवाहर यादव को फिर से मुख्यमंत्री के ओएसडी की जिम्मेदारी मिलने के बाद मीडिया से मुखातिब होते हुए। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री से उनके निवास-सचिवालय पर मिलने आए लोगों या किसी दौरे के दौरान मुख्यमंत्री के सामने आए जनहितैषी कार्यों की फाइलों को तेज गति प्रदान को लेकर यह जिम्मेदारी मुख्यमंत्री अपनी टीम के कुछ लोगों को सौंपते हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की प्राथमिकता आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति-वर्ग और निम्न तबके के लोगों को मुख्यधारा से जोड़ना, गरीबी रेखा से बाहर करना है। इसी सपने को साकार करने के लिए पूरी टीम लगातार अग्रसर कार्य करती है। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम प्रदेश भर में सालाना 1 लाख रुपए आमदनी से कम वाले परिवारों को इसके लिए चिन्हित किया है। सरकारी योजनाओं का इंतजार करने वाले प्रदेश के किसान, मजदूर, महिला, युवा, दलित और गरीब वर्ग के जीवन को बेहतर बनाने के लिए सरकार के कार्यों को नीचे शीघ्रता पूर्वक पहुंचाना हमारा कार्य रहता है। इसलिए टीम के लिए कोई विभाग महत्वपूर्ण नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री द्वारा सौंपी गई जिम्मेदारी महत्वपूर्ण रहती है। मुख्यमंत्री हमेशा जनहित के कामों को लेकर लगातार प्रयासरत हैं।
यादव ने बताया कि सालाना 1 लाख रुपए से कम आमदनी वाले परिवारों को टेंपरेरी जॉब- कौशल विकास रोजगार निगम के अंतर्गत प्राथमिकता व जिन परिवारों को आज तक कोई सरकारी रोजगार उपलब्ध नहीं हुआ, उन्हें स्थाई नौकरियों में कुछ एक्स्ट्रा नंबर देकर आगे बढ़ाने जैसे लगातार प्रयास प्रदेश में हो रहे हैं। गरीब और दलित की बेटी को मुख्यमंत्री द्वारा 71 हजार रुपए का कन्यादान के रूप में सहयोग, किसान को सक्षम बनाने के लिए बिजली के खर्च को समाप्त करने के लिए सोलर पर 90 फीसदी तक सब्सिडी इत्यादि दिए जाने जैसे निरंतर प्रयास हो रहे हैं। हर वर्ष 7000-8000 सोलर कनेक्शन दिए जाने से छोटे किसान दिन में ही सोलर के जरिए खेतों में पानी दे रहे हैं, जिससे रात के समय जंगली जानवरों और सांप के खतरों से भी किसानों को निजात मिली है। लड़कियों के लिए बड़ी मात्रा में स्कूल-कॉलेज खोलने के साथ-साथ फ्री बस यात्रा योजना के तहत किलोमीटर का दायरा बढ़ाया जाना 'बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ' के नारे को सफल बनाने का एक हिस्सा है। सरकार के अथक प्रयासों के कारण ही लिंगानुपात में बढ़ोतरी दर्ज होने के चलते बेटियों की संख्या प्रति हजार पर 800 से 925 तक पहुंच पाई है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व वाली सरकार ने बेटी बचाने के साथ-साथ बेटी को शिक्षित करने के लिए सफल प्रयास किए हैं।
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