हरियाणा

इंद्रदेव ने किया जलाभिषेक, शंखनाद और मंत्रोच्चारण के बीच दिखा श्रीकृष्ण का विराट स्वरूप

Gulabi Jagat
1 July 2022 9:20 AM GMT
इंद्रदेव ने किया जलाभिषेक, शंखनाद और मंत्रोच्चारण के बीच दिखा श्रीकृष्ण का विराट स्वरूप
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कुरुक्षेत्र में गीता स्थली ज्योतिसर
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में गीता स्थली ज्योतिसर में अनावरण से पहले इंद्रदेव ने बारिश के साथ भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप का जलाभिषेक किया। इसके बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक के सरसंघचालक डॉ. मोहन राव भागवत, राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जैसे ही बटन दबाया तो शंखनाद की ध्वनि के बीच मंत्रोच्चारण के साथ धीरे-धीरे विराट स्वरूप से पर्दा हटता गया।
डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि कुरुक्षेत्र को अब पूरा विश्व पवित्र ग्रंथ गीता की स्थली के रूप में जानेगा। इस गीता स्थली से संपूर्ण विश्व को गीता का ज्ञान प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि मानवता को भाईचारे और शांति का संदेश देने के लिए गीता स्थली ज्योतिसर में भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप को स्थापित किया गया है। इस विशाल स्वरूप को 13 करोड़ 63 लाख रुपये की लागत से स्थापित किया गया है।
इस मौके पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि वैसे तो भगवान श्रीकृष्ण का जीवन ही दिव्यता से परिपूर्ण रहा है, लेकिन ज्योतिसर की इसी पावन धरा पर अर्जुन को दिया गया संदेश मानवता का युगों-युगों तक मार्गदर्शन करता रहेगा। उन्होंने कहा कि धर्मनगरी में 40 फुट ऊंचे भगवान के इस विराट स्वरूप को देखने के लिए अब दुनियाभर से लोग आएंगे। इसके दर्शन मात्र से ही हमारे जहन में गीता के उपदेश जागृत होंगे।
वहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गीता स्थली कुरुक्षेत्र को श्रीकृष्ण की भूमि के रूप में पहचान दिलाने का काम सरकार की तरफ से किया जा रहा है। सरकार की योजना है कि वृंदावन और मथुरा की तरह पर्यटक और श्रद्धालु कुरुक्षेत्र में भी भगवान श्रीकृष्ण द्वारा दिए गए उपदेशों की स्थली को देखने के लिए आएं।
इसके लिए कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड लगातार काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि स्वदेश दर्शन योजना के तहत प्रथम चरण में श्री कृष्णा सर्किट में शामिल करके कुरुक्षेत्र को 94.50 करोड़ रुपये उपलब्ध करवाए गए और श्रीकृष्णा सर्किट के दूसरे चरण में भी तीर्थों के विकास के लिए बजट उपलब्ध करवाया जाएगा।
32 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास
सरसंघचालक डॉ. मोहन राव भागवत, राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सिंचाई एवं पानी संसाधन विभाग की पांच करोड़ 45 लाख की लागत से नरवाना ब्रांच किरमच बारवा रोड पर सिंगल स्पैन स्टील ब्रिज, सिंचाई विभाग की ही 631.51 लाख की लागत से नरवाना ब्रांच पर बनने वाले पुल, सिंचाई विभाग के एसवाईएल नहर पर 329.44 लाख की लागत से बनने वाले पुल तथा माईकाडा डिवीजन कुरुक्षेत्र में 1710.46 लाख रुपये की लागत से पिंडारसी, पाहरपुर और पबनावा में बनने वाले सोलर पावर माइक्रो इरीगेशन योजना का भी शिलान्यास किया। इस प्रकार एक ही दिन में 32 करोड़ 16 लाख 41 हजार रुपये की लागत से बनने वाली परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ है।
जब आयोजन स्थल पर भरा पानी
बृहस्पतिवार को हुई बारिश से आयोजन स्थल पर भी पानी भर गया, जिस कारण शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर, सांसद रतन कटारिया, सांसद नायब सिंह सैनी और विधायक सुभाष सुधा पानी में पैर डुबाकर बैठे नजर आए।
कई मंत्री, सांसद और विधायक रहे मौजूद
गीता ज्ञान संस्थानम और ज्योतिसर में आयोजित कार्यक्रम में गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज, पर्यटन मंत्री कंवर पाल, राज्यसभा सांसद कार्तिक शर्मा, सांसद नायब सिंह सैनी, सांसद रतनलाल कटारिया, सांसद संजय भाटिया, विधायक सुभाष सुधा, विधायक लीला राम, विधायक प्रमोद विज, विधायक महिपाल ढांडा, भाजपा के प्रदेश महामंत्री एवं पूर्व विधायक डॉ. पवन सैनी, पूर्व विधायक लतिका शर्मा सहित भाजपा के तमाम पदाधिकारी मौजूद रहे।
गीता पर किसी का पेटेंट नहीं, यह विश्व कल्याण का ग्रंथ : भागवत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन राव भागवत ने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता किसी एक धर्म विशेष के लिए नहीं, बल्कि इसमें संपूर्ण मानवता का सार है। जब तक सृष्टि रहेगी, तब तक इसकी प्रासंगिकता बनी रहेगी। उनके अनुसार हिंदू परंपरा को गीता मिली है, लेकिन उस पर किसी प्रकार का कोई पेटेंट नहीं है, यह ग्रंथ विश्व कल्याण के लिए है, जिसमें सभी समस्याओं और प्रश्नों का उत्तर समाहित है। सरसंघचालक बृहस्पतिवार को गीता ज्ञान संस्थानम में आयोजित 'भगवत गीता की वर्तमान प्रासंगिकता' पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आज जगह-जगह कट्टरता का भाव दिखाई दे रही है। आपस का विश्वास खोता जा रहा है। देशों में टकराव देखने को मिल रहा हैं। यह इसलिए हो रहा है, क्योंकि मनुष्य जात-पात और पंथ-संप्रदाय में स्वयं को विभाजित कर रहा है।
डॉ. मोहन राव भागवत के साथ हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय व मुख्यमंत्री मनोहर लाल और गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद भी मौजूद रहे। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि हरियाणा की धरती हमारी सांस्कृतिक विरासत को संजोकर रखने और बौद्धिक चिंतन के उन्नयन का प्राचीनतम केंद्र रही है। यह भगवान श्रीकृष्ण की कर्म भूमि है। मान्यता है कि 'हरि' श्रीकृष्ण ने पहली बार जैसे ही अपने यान को इस पवित्र धरती पर उतारा तो इसे 'हरि-याना' कहा गया, जिसको कालांतर में 'हरियाणा' पुकारा जाने लगा।
मौके पर गीता ज्ञान संस्थानम में जीओ गीता की तरफ से पवित्र ग्रंथ गीता पर सर्टिफिकेट कोर्स का शुभारंभ किया गया। साथ ही बताया गया कि संस्थान की तरफ से आने वाले समय में गीता के डिप्लोमा और डिग्री कोर्स को भी वैश्विक स्तर पर शुरू किया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव की तरह मनाया जाएगा श्री कृष्ण उत्सव : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा करते हुए कहा कि धर्म नगरी में जिस प्रकार अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव का भव्य तरीके से आयोजन किया जाता है, उसी प्रकार आने वाले समय में श्री कृष्ण उत्सव भी मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र में श्री कृष्ण के विराट स्वरूप के अलावा विश्व स्तरीय संग्रहालय भी बनाया जा रहा है। इसमें महाभारत और सरस्वती सभ्यता की व्याख्या होगी। लाइट एंड शो के माध्यम से गीता का संदेश दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि धर्म क्षेत्र कुरुक्षेत्र को लैंड ऑफ श्री कृष्ण भी बनाना होगा, जिस प्रकार लोग श्री कृष्ण के विचारों और उनके जीवन का संदेश लेने के लिए वृंदावन, मथुरा व द्वारिका जाते हैं, उसी प्रकार कुरुक्षेत्र में भी आएंगे, क्योंकि वास्तव में जीवन का संदेश कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर ही दिया गया था।
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