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हरियाणा में पांच लाख की आबादी वाले शहरों में ही चलेंगी इलेक्ट्रिक बसें, मुख्यमंत्री खट्टर ने दी मंजूरी

Renuka Sahu
26 Jun 2022 1:37 AM GMT
In Haryana, electric buses will run only in cities with a population of five lakhs, Chief Minister Khattar approved
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फाइल फोटो 

हरियाणा में गुरुग्राम, फरीदाबाद समेत पांच लाख की आबादी वाले शहरों में ही इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हरियाणा में गुरुग्राम, फरीदाबाद समेत पांच लाख की आबादी वाले शहरों में ही इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने परिवहन विभाग की इलेक्ट्रिक बस योजना को मंजूरी दे दी है। अब मुख्य सचिव संजीव कौशल की अध्यक्षता वाली कमेटी ऑन इंफ्रास्ट्रक्चर योजना पर अंतिम मुहर लगाएगी। इसके बाद निजी कंपनी सीईसीएल को विभाग बसों की डिमांड भेजेगा। इस समय इलेक्ट्रिक बसों के लिए एक साल की वेटिंग चल रही है।

मुख्य सचिव की मंजूरी के बाद विभाग बसों का आर्डर दे देगा। कुल 800 बसें खरीदने की योजना है। यह बसें एक साथ नहीं आएंगी, चरणबद्घ तरीके से 100-100, 200-200 बसों की आपूर्ति होने की संभावना है। प्रदेश के पांच लाख से अधिक आबादी वाले दस बड़े शहरों में 2023 में इन बसों को हर हाल में सड़कों पर उतारा जाएगा। 600 बसें बिना एसी व 200 एसी होंगी। बैटरी चार्ज होने पर बस 200 किमी का सफर तय करेगी। एसी बसों में किराया डेढ़ गुणा अधिक लगेगा।
इलेक्ट्रिक बस की लंबाई 12 मीटर और सीटें 50 या 52 होंगी। रोडवेज डिपो में इनकी चार्जिंग की व्यवस्था की जाएगी। शहरों में बसों का संचालन सफल रहने और पर्याप्त सवारियां मिलने पर इनका दायरा बढ़ाया जा सकता है। बसें उपलब्ध करवाने वाली कंपनी की ओर से अनेक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।
पंचकूला समेत इन शहरों के लिए फिलहाल प्रस्तावित बसें
फरीदाबाद, अंबाला, हिसार और करनाल में 100-100, पानीपत, यमुनानगर, रोहतक और सोनीपत में 80-80, गुरुग्राम व पंचकूला में 50-50 बसें फिलहाल प्रस्तावित हैं। इनकी संख्या में फेरबदल भी हो सकता है।
अंतिम मंजूरी के बाद आगे बढ़ेंगे : विर्क
परिवहन विभाग के प्रधान सचिव नवदीप विर्क ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में इलेक्ट्रिक बस योजना बेहद अहम है। इसे जल्दी मुख्य सचिव से भी स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। 11 से 15 जून तक नार्वे में ई-मोबिलिटी पर आयोजित विश्व स्तरीय सेमिनार में हिस्सा लिया, इसमें इलेक्ट्रिक बसें व बैटरी निर्माण, अत्याधुनिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के बारे में जाना।
नार्वे में यह भी देखा कि कैसे इलेक्ट्रिक बसों का संचालन हो रहा है। मूलभूत ढांचागत सुविधाओं का भी अवलोकन किया गया। इससे प्रदेश में इलेक्ट्रिक बस योजना को लागू करने में मदद मिलेगी। सम्मेलन में तो यह भी बताया गया कि एक-दो साल में इलेक्ट्रिक हवाई जहाज का सपना भी साकार हो सकता है।
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