गृह मंत्री अनिल विज ने हरियाणा के तीनो हार्ट सेंटर में गड़बड़ी के जांच के दिए आदेश दिए
हरियाणा में सरकारी अस्पतालों में सस्ते इलाज के लिए प्राइवेट पब्लिक पार्टनर्शिप मोड पर खोले गए हार्ट सेंटरों में भारी अनियमितताएं मिली हैं। नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के मैनेजिंग डायरेक्टर (एमडी) प्रभजोत सिंह के नेतृत्व में पांच सदस्यीय कमेटी ने अंबाला, पंचकूला और गुरुग्राम में मरीजों को मिल रही सुविधाएं और ली जा रही फीस को लेकर रिकार्ड खंगाला। मरीजों के इलाज के लिए एडवांस में ही फीस जमा करवाई जा रही है, जबकि यह नियमों के खिलाफ है। इसके अलावा दिल के मरीजों के लिए इस्तेमाल होने वाली परक्यूशनस ट्रांसूमिनल कोरोनरी एंजियोप्लास्टी (पीटीसीए) गाइड वायर में भी खेल किया गया। मरीजों को पीटीसीए गाइड वायर में मिलने वाला डिस्काउंट में गड़बड़ी पाई गई, जबकि इसमें मरीजों की जेबें काफी हल्की हुईं। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज को सौंप दी है। विज ने राज्य के सभी पीपीपी मोड पर चल रहे अस्पतालों के गठित करने के आदेश जारी किए हैं। नागरिक अस्पतालों में इन सेंटरों में डायलिसिस, हार्ट, सीटी स्कैन और एमआरआइ की सुविधाएं पीपीपी मोड पर मिल रही हैं। अब जांच कमेटी सभी अस्पतालों का रिकार्ड खंगालेगी।
जांच कमेटी ने जब मरीजों से फोन पर बात की, तो उस दौरान कुछ मरीजों ने यह भी कहा कि स्टंट एक डाला गया है, लेकिन उनको दो बताये गए हैं। पंचकूला में इस तरह की शिकायतें सामने आईं। कमेटी ने सिविल सर्जन के माध्यम से सीडी मंगवाकर जांच की, तो जितने स्टंट डाले गए हैं, उतना ही बिल सरकार ने पास किया। दरअसल बीपीएल, आयुष्मान कार्ड धारक सहित अन्य पात्रों को पीपीपी मोड पर चल रहे सेंटरों में उपचार फ्री है। इलाज में जो भी खर्च आता है, वह सरकार वहन करती है। इसलिए यह चेक किया गया कि किसी बीपीएल कार्ड धारक को एक स्टंट डालकर दो का बिल तो पास नहीं कराया। लेकिन यह आरोप साबित नहीं हो पाए। अंबाला कैंट के नागरिक अस्पताल में चल रहे हार्ट सेंटर में मरीजों से उपचार के लिए एडवांस लेने की बात सामने आई है। टीम ने गुरुग्राम में जाकर पीपीपी मोड पर चल रहे सेंटरों का रिकार्ड खंगाला तो डायलिसिस सेंटर में खामियां मिलीं। उपचार के लिए जो दवा व उपकरण इस्तेमाल होते हैं, उनमें डिस्काउंट दिया जाता है, लेकिन इस में भी खेल कर दिया गया। जिस रेट पर यह लिए गए, वे मार्केट में इससे भी कम रेट पर उपलब्ध हैं। मुख्यालय स्तर पर मानीटरिंग के लिए अधिकारी की नियुक्त की सिफारिश
गृह मंत्री अनिल विज को शिकायतें मिल रहीं थीं, जिसको लेकर जांच कमेटी गठित की गई। इस कमेटी में डायरेक्टर प्रभजोत सिंह, डायरेक्टर जनरल वीके बंसल, डिप्टी डायरेक्टर शशांक, चीफ अकाउंटेंट संजीव जैन और डा. बीके राजौरा शामिल थे। इस कमेटी ने सिफारिश की है कि मुख्यालय पर राज्य स्तरीय अधिकारी की नियुक्ति होनी चाहिए, जो सभी अस्पतालों में पीपीपी मोड पर चल रही सुविधाओं को चेक करे। जिला स्तर पर भी इसके लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए।