हिसार में नकली चोट मारकर मेडिकल लीगल रिपोर्ट (एमएलआर) बनाने के खेल का खुलासा 23 मार्च 2010 को राजस्थान के चुरू जिले के धानोठी छोटी गांव निवासी एडवोकेट हरदीप सिंह ने किया था। वकील के परिजनों का झगड़ा हुआ था। दूसरी पार्टी की शिकायत पर राजस्थान पुलिस ने 25 दिसंबर 2009 को भारतीय दंड संहिता की धारा 148, 149, 323 व 325 के तहत एक केस दर्ज किया था। बाद में एमएलआर रिपोर्ट के आधार पर इसमें हत्या के प्रयास की धारा भी जोड़ी गई।
हिसार के बहुचर्चित नकली चोट प्रकरण में करीब 12 साल बाद सोमवार को कोर्ट का फैसला आया। इसमें मेट्रो अस्पताल के कर्मचारी बलविंदर और एएमसी अस्पताल के कर्मचारी कुलदीप को 4-4 साल कैद और 25-25 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है। दोनों मामा-भांजा हैं और एक शिकायत के बाद उनको नकली चोट मारकर MLR बनाने के मामले में 50 हजार रुपए लेते हुए पकड़ा गया था। मामले में मेट्रो अस्पताल के संचालक डॉ. संजय वर्मा को कोर्ट ने बरी किया है।