हरियाणा

पीएम फसल बीमा योजना के लिए किसानों के खाते से पैसे काटने पर हाईकोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब

Shantanu Roy
7 Aug 2022 3:08 PM GMT
पीएम फसल बीमा योजना के लिए किसानों के खाते से पैसे काटने पर हाईकोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब
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चंडीगढ़। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को हरियाणा में अपनाने और इसको लोन लेने वालों पर बाध्य करने के खिलाफ दाखिल याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को 24 जनवरी तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। किसानों की ओर से एडवोकेट जेएस तूर ने कोर्ट में बताया कि योजना को स्वीकार करना अनिवार्य नहीं है। इसके बावजूद इसे अनिवार्य रूप से लागू किया जा रहा है। हरियाणा सरकार द्वारा इसे अपना लिया गया, परंतु इसके लिए विधायिका की मंजूरी तक नहीं ली गई।

किसानों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जताई थी आपत्ति
दरअसल गुरनाम सिंह व अन्य किसानों की ओर से याचिका दाखिल करते हुए कहा गया था कि भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने किसानों की फसल को होने वाले नुकसान को देखते हुए इसकी भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नाम से स्कीम आरंभ की थी। इस स्कीम को हरियाणा सरकार ने अपना लिया और लोन लेने वाले किसानों के लिए इसे अनिवार्य रूप से लागू कर दिया गया। इस स्कीम के तहत खरीफ की फसल के लिए 2 प्रतिशत और रबी की फसल के लिए 1.5 प्रतिशत बीमा किश्त रखी गई।
वार्षिक फसल के लिए इसे 5 प्रतिशत रखा गया। इसके बाद आरबीआई ने 17 मार्च 2016 को नोटिफिकेशन निकाल कर इसके लिए बैंक अकाउंट अनिवार्य कर दिया। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार की यह स्कीम सीधे तौर पर किसानों के साथ लूट है। किसानों की ओर से एडवोकेट जेएस तूर ने कहा कि योजना को स्वीकार करना अनिवार्य नहीं है। इसके बावजूद इसे अनिवार्य रूप से लागू किया जा रहा है। हरियाणा सरकार द्वारा इसे अपना लिया गया परंतु इसके लिए विधायिका की मंजूरी तक नहीं ली गई।
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