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हरियाणा | पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने सोमवार को हरियाणा सरकार को नूंह जिले में चल रहे विध्वंस अभियान को रोकने का आदेश दिया। यहां पिछले सप्ताह सांप्रदायिक हिंसा हुई थी जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी। न्यायमूर्ति जी.एस. संधावालिया की अध्यक्षता वाले उच्च न्यायालय ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया और राज्य सरकार से अगले आदेश तक बुलडोजर कार्रवाई रोकने को कहा। इस मामले पर बाद में सुनवाई की जाएगी।
पिछले पांच दिनों में, स्थानीय प्रशासन ने घरों, दुकानों और अन्य संरचनाओं सहित 750 से अधिक इमारतों को ध्वस्त कर दिया है। अधिकारियों ने दावा किया कि ध्वस्त संरचनाएं सरकारी जमीन पर बनाई गई थीं और सांप्रदायिक झड़पों के दौरान संदिग्धों द्वारा इसका इस्तेमाल किया गया था। मामले में पीड़ितों की ओर से पेश वकील मोहम्मद अरशद ने आरोप लगाया कि कब्जाधारियों को बिना किसी पूर्व सूचना दिए 3 अगस्त से नूंह में विध्वंस अभियान जारी है।
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में नूंह हिंसा मामले पर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने इस मामले में सु-मोटो लिया और सरकार की तोड़फोड़ की कार्रवाई पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा है कि अबतक तक कितने ढांचे गिराए गए हैं। हाईकोर्ट ने खट्टर सरकार से सारी जानकारी मांगी है। हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार की तरफ से एजी बलदेव महाजन मौजूद रहे।
नूंह में फिलहाल हालात सामान्य हैं। गत 31 जुलाई को हुई हिंसा के बाद कोई घटना अभी तक समाने नहीं आई है। जिले भर में सरपंच सहित दोनों समुदाय के साथ बैठक रविवार को कई बैठक की गई हैं। उन्होंने कहा कि 84 कोस की परिक्रमा भाईचारे की मिसाल है। लोग आपसी मनमुटाव को दूर करें और आपस में बैठकर इसका समाधान निकालें। आरोपियों को पुलिस के हवाले करें और भविष्य में भाईचारा कायम रहे। डीसी ने कहा कि व्यापारी वर्ग भी सामने आया है।
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Harrison
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