हरयाणा के हांसी में झमाझम बारिश से उमस भरी गर्मी से राहत मिली पर जगह जगह घुसा पानी
सिटी न्यूज़: हिसार जिले में तेज बारिश से सड़कें लबालब हो गईं हैं चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। वहीं हांसी शहर में बृहस्पतिवार सुबह करीब 4 बजे शुरू हुई मानसून की बरसात से जहां लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत मिली वहीं शहर के निचले इलाकों में बसी कॉलोनियों में पानी भर जाने से लोगों के लिए मुश्किलें पैदा कर दी।
वहीं प्रशासन द्वारा शहर में बरसाती पानी की निकासी के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर स्टार्म वाटर लाइन डलवा कर पानी निकासी के किए जा पानी के निकासी के दावों की पोल खोल कर रख दी। सुबह से हो रही बरसात से जहां शहर की निचले एरिया में बसी दर्जनों कॉलोनियों के घरों व दुकानों में पानी घुस गया। जिसके चलते घरों व दुकानों में जमीन पर रखा सामान पानी लगने से खराब हो गया। वहीं पुरानी सब्जी मंडी, श्याम बाबा मंदिर रोड़, बड़सी गेट से पुरानी सब्जी मंडी रोड़, बस स्टैंड रोड़, अंबेडकर चौक गैस एजेंसी रोड़ पर बरसाती पानी जमा होने से पैदल चलने वाले राहगीरों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं सड़कों के बीच बने गड्ढों के कारण कई दुपहिया वाहन पानी के अंदर बंद हो गए जिसके चलते वाहन चालकों को अपने वाहन पैदल खिंच कर ले जाने पड़े।
इन कालोनियों में भरा पानी: मानसून की पहली बरसात में शहर की सबसे पाॅश कालोनी माडल टाऊन, यतिनगर, जगदीश कालोनी, कृष्णा कालोनी, मुल्तान कालोनी, इंद्रा कॉलोनी, नेहरू कालेज रोड, हनुमान कालोनी, पुरानी सब्जी मंडी रोड़, गांधी कालोनी, उत्तम नगर,वकील कालोनी, काठ मंडी, जगन्नाथ मंडी, रुपनगर कालोनी, श्याम बाबा मंदिर रोड़, बड़सी गेट से पुरानी सब्जी मंडी रोड़ बस स्टैंड रोड़ अंबेडकर चौक गैस एजेंसी रोड़ व चारकुतुब गेट क्षेत्र सहित शहर के निचले हिस्से में बसी कई अन्य कालोनियों में बरसाती पानी जमा होने व घरों में घुसने के कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
किसानों के खिले चेहरे: मानसून की बरसात के चलते जहां पिछले कई दिनों से गर्मी व उमस की मार झेल रहे लोगों ने जहां राहत की सांस ली है वहीं बरसात से किसानों के चेहरों पर रौनक आ गई है। भयंकर गर्मी के चलते जहां किसानों की कपास व सब्जी व धान की फसलें खराब हो रही थी वहीं बरसात नहीं होने के चलते किसानों की धान की फसल को बचाने के किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। जिससे अब एक बार के लिए किसानों को निजात मिल जाएगी।