
सहमति संबंध में रहते हुए सुरक्षा मांगने वाले प्रेमी जोड़ों को लेकर हाईकोर्ट की एकल बेंच के विरोधाभासी आदेशों के चलते इस मामले में गठित की गई खंडपीठ ने अब इस विषय पर हरियाणा व पंजाब सरकार को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। दोनों सरकार को इस बारे में 25 सितंबर तक जवाब दाखिल करना होगा।
हाईकोर्ट में सहमति संबंध में रहने वालों द्वारा सुरक्षा की मांग को लेकर बड़ी संख्या में याचिकाएं पहुंच रही थी। इन याचिकाओं पर सिंगल बेंच सुनवाई करती थी और इस विषय को लेकर कानूनी स्थिति स्पष्ट न होने चलते अगल-अलग आदेश जारी हो रहे थे। ऐसे में मामले पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए एकल बेंच ने 21 मई 2021 को इसे चीफ जस्टिस को रेफर करते हुए बड़ी पीठ के गठन का आग्रह किया था।
इस मामले में प्रेमी जोड़े ने सुरक्षा की गुहार लगाई थी और युवक पहले से विवाहित था। उसका पत्नी से विवाद चल रहा था लेकिन तलाक नहीं हुआ था। प्रेमी जोड़े ने परिजनों से जान को खतरा बता कर सुरक्षा की मांग की थी। जस्टिस अनिल खेत्रपाल ने कहा था कि कई बेंच सहमति संबंध में प्रेमी जोड़ों को सुरक्षा देने के आदेश दे चुकी है तो कई इसे नैतिक व सामाजिक तौर पर गलत मान कर उनकी याचिका खारिज कर चुकी है। जस्टिस अनिल खेत्रपाल ने चीफ जस्टिस से ऐसे मामलों पर स्पष्ट फैसला लेने के लिए एक बड़ी पीठ के गठन करने का आग्रह किया था। इसके बाद चीफ जस्टिस ने इस मामले की डिवीजन बेंच को सुनवाई के आदेश दिए थे। अब इस मामले में हाईकोर्ट ने हरियाणा व पंजाब सरकार को उनकी स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया है।
