हरियाणा

रेवाड़ी में अंतिम हिंदू सम्राट की हवेली को मिलेगा नया रूप

Manish Sahu
17 Aug 2023 6:46 PM GMT
रेवाड़ी में अंतिम हिंदू सम्राट की हवेली को मिलेगा नया रूप
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हरियाणा: रेवाड़ी का इतिहास महाभारत काल से भी पुराना बताया जाता है. अलग-अलग शताब्दी में अलग-अलग विशेषताओं के साथ रेवाड़ी का इतिहास जुड़ा हुआ है. 16वीं शताब्दी में रेवाड़ी का इतिहास अंतिम हिन्दू शासक सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य के नाम से जाना जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सम्राट हेमचंद्र विक्रमादित्य कि हवेली आज भी रेवाड़ी शहर के कुतुबपुर में स्थित है, जो कि खंडहर में तब्दील हो चुकी है.
इतिहास के कुछ हिस्सों में सम्राट हेमचंद्र का जन्मस्थान रेवाड़ी बताया गया है. लेकिन, तथ्यों के अनुसार हेमू का जन्म राजस्थान के अलवर जिले के मछेरी नामक जगह पर हुआ था. और सन 1516 में सम्राट हेमचंद्र रेवाड़ी में अपनी बहन के घर आकर बस गए थे. रेवाड़ी उस वक्त व्यापार का बड़ा केंद्र हुआ करता था, इसलिए उन्होंने यहीं पर शिक्षा ग्रहण की और तोपों का व्यापार शुरू किया. कुतुबपुर स्थित ये हवेली हेमू के भांजे राम्मया की है. जिसके देहांत के बाद सम्राट हेमचंद्र यहां रहा करते थे.
हेमचंद्र विक्रमादित्य फाउंडेशन रेवाड़ी के कन्वीनर सुधीर भार्गव ने कहा कि हेमचंद्र विक्रमादित्य पर कई किताबें लिखी गई हैं. बीते दिन पहले कुछ लोग हेमू के जीवन पर फिल्म बनाने के लिए भी उनके पास आए थे. इस हवेली को कई सालों से सुधीर भार्गव और उनके परिवार द्वारा संभाला जा रहा है. हाल में ही उन्होने मुख्यमंत्री से मुलाकात भी की थी. एक पत्र मुख्यमंत्री को लिखा है कि रेवाड़ी में हेमू की हवेली को म्यूजियम बनाया जाए, ताकि आने वाली पीढ़ी हेमू और रेवाड़ी के इतिहास को जान पाए.
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