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Haryana Vis Session: स्कूलों में 38476 शिक्षकों की जरूरत, शिक्षा मंत्री ने सदन में दी जानकारी

Kunti Dhruw
5 March 2022 10:49 AM GMT
Haryana Vis Session: स्कूलों में 38476 शिक्षकों की जरूरत, शिक्षा मंत्री ने सदन में दी जानकारी
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हरियाणा के सरकारी स्कूलों में 38476 शिक्षकों की जरूरत है।

हरियाणा के सरकारी स्कूलों में 38476 शिक्षकों की जरूरत है। प्रदेश में पीजीटी के 15265, टीजीटी के 18236, मुख्याध्यापक के 1046 और जेबीटी-पीआरटी के 3929 पद खाली हैं। प्रदेश में 14491 सरकारी स्कूल हैं। इनमें शिक्षकों के 120966 पद मंजूर हैं। जबकि वर्तमान में जरूरत 122798 शिक्षकों की है। स्कूलों में नियमित शिक्षक 72188 ही हैं, जबकि 12134 अतिथि शिक्षक कार्यरत हैं।

शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने विधानसभा में यह जानकारी दी। आजाद विधायक बलराज कुंडू ने अतारांकित प्रश्न के तहत प्रदेश के सरकारी, निजी स्कूलों, कार्यरत शिक्षकों, स्वीकृत पदों, खाली पदों और भर्ती प्रक्रिया को लेकर जानकारी मांगी थी। शिक्षा मंत्री ने बताया है कि स्कूल शिक्षा विभाग 7631 पद भरने की तैयारी में है। पीजीटी के 3646 पद भरे जाएंगे। इनमें से 3331 शेष हरियाणा व 315 मेवात कैडर के हैं। टीजीटी के 3033 पदों की भर्ती होगी। इसमें से 1935 शेष हरियाणा व 1098 मेवात के हैं। पीआरटी के 952 पदों को मेवात संवर्ग में भरा जाएगा। इनकी मांग विभाग ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को भेजी हुई है। इसके अलावा सरकार आउट सोर्सिंग पर भी नियुक्तियां करेगी। हरियाणा कौशल रोजगार निगम के जरिये ये भर्तियां होंगी। सेवानिवृत्त शिक्षकों को भी पुनर्नियुक्ति दी जाएगी।
स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के भी 1980 पद खाली चल रहे हैं। इनमें चौकीदार के 663, माली के 579, सफाई कर्मचारियों के 738 पद खाली चल रहे हैं। शिक्षा मंत्री ने बताया कि सरकार खाली पदों को जल्द भरेगी। नए शैक्षणिक सत्र में जरूरत अनुसार शिक्षक मुहैया कराए जाएंगे।
नर्सिंग संस्थानों के 10 किमी के दायरे में अस्पताल की शर्त वापस ली: हरियाणा
हरियाणा नर्सिंग इंस्टीट्यूट एसोसिएशन द्वारा हरियाणा सरकार की 7 दिसंबर 2021 की नीति तथा 21 जनवरी 2022 को जारी किए गए आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर प्रदेश सरकार ने बताया कि नीति और अधिसूचना को वापस ले लिया गया है। एक सप्ताह के भीतर संस्थानों के पंजीकरण के साथ-साथ प्रवेश के लिए कार्यक्रम को अधिसूचित कर दिया जाएगा। इस जानकारी पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया।
एसोसिएशन ने बताया कि प्रदेश में 107 नर्सिंग संस्थान उनके सदस्य हैं। इन संस्थानों में नर्सिंग से जुड़े विभिन्न कोर्स कराए जाते हैं। याची ने बताया कि सभी संस्थानों को भारतीय नर्सिंग परिषद से एनओसी प्राप्त है। याची ने बताया कि हरियाणा सरकार ने नई नीति लाकर नर्सिंग संस्थान की 10 किलोमीटर की परिधि में अस्पताल अनिवार्य कर दिया है।
अस्पताल बनाने के बाद संस्थानों को हरियाणा सरकार से नए सिरे से एनओसी अनिवार्य कर दी है। शर्त के पूरा न होने पर संस्थान को एडमिशन देने की अनुमति भी नहीं दी जाएगी। हरियाणा नर्सिंग इंस्टीट्यूट एसोसिएशन ने सरकार की इस नीति को दोषपूर्ण और मनमाना बताते हुए इसे खारिज करने की अपील की थी। सुनवाई के लंबे दौर के बाद अब हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि नर्सिंग काउंसिल ऑफ इंडिया के पत्र के बाद 7 दिसंबर 2021 की नीति को वापस ले लिया गया है।
जनपयोगी कामों के लिए मिली जमीन नहीं लौटाएगी सरकार, विधेयक पेश
हरियाणा सरकार जनपयोगी कामों के लिए मिली जमीन दानकर्ताओं को नहीं लौटाएगी। इसके लिए शुक्रवार को सदन में हरियाणा लोकोपयोगिताओं के परिवर्तन का प्रतिषेध विधयेक, 2022 प्रस्तुत किया गया। इसे चर्चा के बाद पारित किया जाएगा। विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी मिलने और अधिसूचना लागू होने पर दानकर्ता अपनी जमीन पर दावा भी नहीं ठोंक सकेंगे।
2002 के बाद दी गई जमीनों को वापस लेने के लिए भूमि मालिक सरकार के पास आवेदन कर सकता है। इससे पहले के किसी मामले पर विचार नहीं किया जाएगा। न्यायालयों में चल रहे मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है। अनेक दानकर्ताओं ने जमीन के रेट बढ़ने पर उसे वापस लेने के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। इसके साथ ही सरकार ने विधेयक में प्रावधान किया है कि यदि कोई व्यक्ति जमीन वापस न मिलने पर जनपयोगी संस्थानों में तोड़फोड़ करता है तो उसे छह महीने कैद व दस हजार रुपये तक जुर्माना होगा।
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