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कुरुक्षेत्र। किसी भी नई तकनीक को अपनाने से पहले माइंड सेट की जरूरत होती है। नई तकनीक से जब कोई विभाग या शैक्षणिक संस्थान आटोमेशन की ओर कदम बढ़ाएगा, तब उसके कार्य एवं परिणाम में पारदर्शिता आएगी और समय की बचत भी होगी। यह बातें कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस एंड एप्लीकेशन विभाग से डॉ. राकेश कुमार ने कहीं। वे शुक्रवार को क्लर्कों के लिए आयोजित रिफ्रेशर कोर्स के पांचवें दिन बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) तकनीक को अपनाने के लिए हमें स्वयं को तैयार करना होगा। आईयूएमएस विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली को तीव्र करने व पारदर्शिता लाने, परीक्षा, अकाउंट्स, ई-फाइलिंग सिस्टम सहित सभी विभागीय कार्यों के लिए उपयोगी है। आईयूएमएस के आने से ऑटोमेशन के तहत फाइलों को ट्रैक करने के साथ ही समयबद्धता के कारण उस फाइल पर तय समय में एक्शन करना होगा।
डॉ. ुमार ने कहा कि किसी भी शैक्षणिक संस्थान की कार्य प्रणाली में पारदर्शिता लाना बड़ा लक्ष्य होता है। इसके परिणामस्वरूप विश्वविद्यालय ने एडमिशन से लेकर पंजीकरण, हॉस्टल अलॉटमेंट, पुस्तकालय, स्टूडेंट ग्रीवेंस एवं फीस संबंधी अन्य कार्य आईयूएमएस पोर्टल की मदद से किए जा रहे हैं। विद्यार्थियों की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में परिवार पहचान पत्र को भी जोड़ा गया है। विश्वविद्यालय में कार्यरत प्रत्येक कर्मचारी का तकनीकी रूप से दक्ष होना समय की मांग है। आईयूएमएस सिस्टम विश्वविद्यालय की बेहतरी के लिए है।
आईयूएमएस के तकनीकी कर्मचारी नरेश कुमार ने पोर्टल संबंधित जानकारी को साझा किया। रिफ्रेशर कोर्स के नोडल ऑफिसर व परीक्षा नियंत्रक डॉ. अंकेश्वर प्रकाश ने बताया कि भविष्य में विश्वविद्यालय को पूर्णतया डिजीटलाईज करने की दिशा में आईयूएमएस प्रणाली को चरणबद्ध तरीके से विश्वविद्यालय में लागू किया जा रहा है। आईयूएमएस का प्रशिक्षण कर्मचारियों के लिए बहुत आवश्यक है। कोर्स कोऑर्डिनेटर डॉ. सुनील ढुल ने कहा कि आईयूएमएस पोर्टल से विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली में तीव्रता आएगी। आयोजन में स्थापना शाखा के सहायक मनदीप शर्मा, लिपिक वर्षा, सौरभ दहिया व मोहित शारदा ने सहयोग किया।

Kajal Dubey
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