हरियाणा: दुष्कर्म मामले की जांच में ढिलाई से एसएचओ समेत तीन पुलिसकर्मी सस्पेंड
हरियाणा ब्रेकिंग न्यूज़: पुलिस सूत्रों के अनुसार इस मामले में एक महिला वकील की संलिप्तता का भी संदेह है और पुलिस इस पहलू को जहन में रखकर भी जांच कर रही है। कयास लगाए जा रहे हैं कि सांठगांठ में उक्त महिला वकील की भी भूमिका रही है। चरखी दादरी के बौंदकलां थाने में 19 जुलाई को दर्ज दुष्कर्म मामले की जांच में कोताही बरतने पर एसपी दीपक गहलावत ने एसएचओ समेत तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया है। गुरुवार देर रात एसपी ने इस संबंध मे आदेश जारी किया। इस मामले की विभागीय जांच का भी आदेश भी दिया गया है। एसपी ने बताया कि मामला दर्ज कराने के अगले दिन ही पीड़िता के बयान से पलटने पर संदेह हुआ और गुप्त सूत्रों से पता कराया तो पुलिस कर्मचारियों की इसमें भूमिका होने की बात सामने आई। उनका कहना है कि विभागीय जांच शुरू कर दी गई है और जो तथ्य सामने आएंगे उस आधार पर अगली कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, बौंदकलां थाने में गत 19 जुलाई को दुष्कर्म का केस दर्ज हुआ था। क्षेत्र निवासी 21 वर्षीय महिला ने अपने पति के दोस्त पर ही दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। पुलिस को दी शिकायत में महिला ने बताया कि वह अपने पति और भांजी के साथ 19 जुलाई को उसके पति के दोस्त के घर गई थी। उस दौरान उक्त शख्स की पत्नी घर पर नहीं थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि उक्त व्यक्ति ने उसके पति को करीब डेढ़ लाख रुपये लेने बाहर भेज दिया, जबकि उसकी भांजी को मकान के अगले कमरे में बैठा दिया।
उसके पति के दोस्त ने मौका पाकर अकेले में उससे न केवल छेड़छाड़ की बल्कि दुष्कर्म भी किया। 19 जुलाई को देर शाम ही इस मामले की सूचना व शिकायत पुलिस को दी गई, जिसके आधार पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। इसके अगले दिन जब पीड़िता के मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान करवाए गए तो उसने शिकायत से विपरीत बयान दिए। मामला दर्ज कराने के अगले दिन ही बयान से पलटने पर पुलिस अधीक्षक को संदेह हुआ। इस मामले में एचएसओ राजबीर समेत एएसआई सविता और हेड कांस्टेबल संजय के सांठगांठ कराने की बात भी सामने आने पर उन्होंने प्रारंभिक कार्रवाई करते हुए तीनों को सस्पेंड कर विभागीय जांच शुरू करने का आदेश दिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस मामले में एक महिला वकील की संलिप्तता का भी संदेह है और पुलिस इस पहलू को जहन में रखकर भी जांच कर रही है। कयास लगाए जा रहे हैं कि सांठगांठ में उक्त महिला वकील की भी भूमिका रही है। पुलिस अधीक्षक का कहना है कि अगर जांच में ये बात सामने आती है तो फिर पुलिस महिला वकील पर भी एक्शन लेगी।19 जुलाई को बौंदकलां थाने में केस दर्ज हुआ था और अगले दिन पीड़िता के बयान से पलटने पर संदेह हुआ। गुप्त तौर पर मैंने पता कराया तो मामले में सांठगांठ होने की बात सामने आई। पुलिस कर्मचारियों की संलिप्तता के बिना ये संभव नहीं है और अनुसंधान की जांच में खामी बरतने पर एसएचओ, महिला एएसआई और हेड कांस्टेबल को सस्पेंड कर मैंने विभागीय जांच का आदेश दिया है।