हरियाणा

हरियाणा: जयकारों से गूंजा शहर, हरे कृष्णा.. हरे राम.., कृष्णा-कृष्णा हरे-हरे

Kajal Dubey
10 July 2022 2:11 PM GMT
हरियाणा: जयकारों से गूंजा शहर, हरे कृष्णा.. हरे राम.., कृष्णा-कृष्णा हरे-हरे
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दो साल बाद भगवान श्री जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के साथ रथ में नगर भ्रमण के लिए आए तो हर कोई उनकी झलक देखने के लिए उमड़ पड़ा। भगवान के दर्शन करने और उनके रथ को खींचने के लिए हर किसी में उत्साह दिखा। हरे कृष्णा हरे कृष्णा, कृष्णा-कृष्णा हरे-हरे की मधुर धुन के बीच भगवान श्री जगन्नाथ रथ यात्रा महोत्सव का शुभारंभ हुआ।
कोरोना महामारी के कारण दो साल तक रथयात्रा का आयोजन नहीं हुआ। अब भगवान श्री जगन्नाथ के पथ को आकर्षक लाइट से सजाया गया। अंतरराष्ट्रीय श्रीकृष्ण भावानामृत संघ की तरफ से आयोजित यह रथयात्रा श्री चैतन्य गौडिय़ मठ ब्रहमसरोवर से शुरू हुई। यहां से श्रद्धालुओं ने हरे कृष्णा हरे कृष्णा और जय भगवान श्री जगन्नाथ का जयकारा करते हुए नाचते-गाते हुए आगे बढ़ाना आरंभ किया। यह रथयात्रा बिरला मंदिर चौक, छटी पातशाही गुरुद्वारा, रेलवे रोड, गोल बैंक, श्रद्धानंद चौक, पुल से होती हुई सेक्टर-13 कांग्रेस भवन में पहुंची। यहां भंडारे के साथ रथयात्रा का समापन हुआ।
इससे पहले विधायक सुभाष सुधा ने विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करके रस्सी खींचकर रथ यात्रा महोत्सव का शुभारंभ किया। विधायक ने कहा कि कहा कि नई पीढ़ी को शिक्षा के साथ-साथ प्राचीन संस्कृति धर्म का ज्ञान देना बहुत जरूरी है। धर्म से विमुख होना हमेशा पतन की ओर ले जाता है। ऐसे में धार्मिक संस्थानों का दायित्व बनता है कि युवा पीढ़ी को नशे से बचाने के लिए उन्हें धर्म का ज्ञान दें।
उन्होंने कहा कि पर्यटन, धार्मिक और गीता स्थली कुरुक्षेत्र का एक-एक तीर्थ और पर्यटन स्थल दर्शनीय है। इस तीर्थ नगरी कुरुक्षेत्र की पूरे विश्व में अपनी एक अलग पहचान है। इस तीर्थ स्थली के दर्शन करने के लिए देश ही नहीं विश्व के प्रत्येक नागरिक को एक बार जरुर कुरुक्षेत्र में आना चाहिए। केंद्र व राज्य सरकार के प्रयासों से ही कुरुक्षेत्र को विश्व पर्यटन स्थल का दर्जा दिया जा रहा है।
जगह-जगह रथयात्रा स्वागत
भगवान श्री जगन्नाथ रथ यात्रा का जगह-जगह पर जोरदार व भव्य स्वागत किया गया। कई जगहों पर श्रद्घालुओं ने खीर, हलवा, फल, ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिंक का प्रसाद वितरित किया गया। वहीं भगवान के रथ को फूलों से सजाया गया, जिसमें भगवान जगन्नाथ, बलराम व सुभद्रा की आकर्षक प्रतिमाएं स्थापित की गई। भगवान के दर्शनों के लिए हर कोई लालायित दिखा।
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