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चंडीगढ़। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने एचसीएस एलाइड सर्विस की मुख्य परीक्षा में 100 पदों के लिये सिर्फ 61 उम्मीदवारों को ही पास किये जाने पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि पूरी प्रक्रिया एक बड़े और सुनियोजित भर्ती घोटाले की ओर इशारा कर रही है। हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन का नाम बदलकर गैर-हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि प्रदेश की बीजेपी-जेजेपी सरकार हरियाणवी युवाओं को भर्ती लिस्ट से बाहर कर ज्यादातर भर्ती दूसरे राज्य के लोगों की करने पर जोर लगा रही है। उन्होंने कहा कि पर्ची और खर्ची की बात करने वाले अब भर्तियों में ‘पर्चा और खर्चा’ यानी खर्चा करो और पर्चा आउट कराओ का खेल कर रहे हैं। दीपेंद्र हुड्डा को कई अभ्यर्थियों ने बताया कि इस बार हरियाणा सिविल सेवा परीक्षा में पिछले साल की परीक्षा के प्रश्न पत्र से 38 सवाल कॉपी-पेस्ट कर दोहराये गये हैं। कई प्रश्न क्रम भी वही थे, जो पिछले साल थे। अभ्यर्थियों का आरोप है कि अपने चहेतों को एचसीएस बनाने के लिए जानबूझकर कम लोगों को पास किया गया। ऐसा पहली बार हुआ है कि भर्ती परीक्षा में कुल पदों से भी कम अभ्यर्थी पास किए गये। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि पारदर्शिता के नाम पर सुनियोजित ढंग से पेपर लीक करवाकर बड़ा भर्ती घोटाला अंजाम दिया जा रहा है। उन्होंने मांग करी कि भ्रष्टाचार, कदाचार का पर्याय बन चुके HPSC को तुरंत भंग किया जाए और इस पूरे भर्ती घोटाले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा के जो युवा यूपीएससी जैसे एग्ज़ाम पास करके देश की सेवा कर रहे हैं क्या वो एचसीएस परीक्षा पास नहीं कर पाएंगे! एचपीएससी के इन नतीजों से हरियाणा के लाखों युवाओं के सपने चकनाचूर हो गये हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी-जेजेपी सरकार हरियाणा के युवाओं की प्रतिभा पर जानबूझकर सवालिया निशान लगाकर, प्रदेश के युवाओं को अयोग्य घोषित कर बड़े पदों पर अन्य राज्यों के लोगों को भर्ती करने की नीति पर चल रही है। इसका जीता जागता उदाहरण इससे पहले हुई SDO भर्ती आदि में देखने को मिला है।
उन्होंने सवाल किया कि आखिर हरियाणा के युवाओं से ये खिलवाड़ कब तक होता रहेगा? HCS एलाइड सर्विस के 100 पदों पर होने वाली भर्ती परीक्षा में सिर्फ 61 को पास करने वाला ये रिजल्ट युवाओं के साथ बेहद भद्दा मजाक है। BJP-JJP बताए कि बाकी बचे 39 पदों पर क्या हरियाणा कौशल रोजगार निगम के जरिए या ठेके पर नियुक्ति होगी? दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स को देखे तो इस परीक्षा में गंभीर अनियमितताओं की आशंका गहरी हो जाती है। मीडिया रिपोर्ट बताती है कि पास होने वाले 61 अभ्यार्थियों में से 44 % अभ्यर्थी एक ही सीरीज के रोल नंबर वाले हैं। 1500 सीरीज के रोल नंबर के 14 व 1900 की सीरीज के 13 अभ्यर्थी पास हुए हैं।
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि कभी परीक्षा रद्द, कभी पेपर लीक, कभी दफ्तर में घूसखोरी तो अब प्रश्न पत्र में सवाल ही कॉपी पेस्ट करके परीक्षा की शुचिता, मर्यादा तार-तार की जा रही है। इस सरकार ने HPSC की कमान अपने ऐसे चेहतों को सौंप रखी है जिनपर पहले से ही भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के गंभीर आरोपों पर विजिलेंस जांच चल रही थी। उनकी सरपरस्ती में आयोग के दफ्तर में घूस के करोड़ों रुपये नगद पकड़े गए फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसा हो नहीं सकता कि अकेले दम पर कोई अधिकारी अपने दफ्तर में घूस के करोड़ों रुपए वसूल ले। सत्ता में बैठे बड़े आका की शह के बिना ऐसा संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार की नाक के नीचे अब तक करीब तीन दर्जन से ज्यादा भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक हो चुके हैं, अनेकों परीक्षाएं ऐन मौके पर रद्द कर दी गई। इसके चलते हजारों युवा ओवरएज हो गए और सरकारी नौकरी पाने का उनका सपना पूरी तरह टूट गया। ऐसे में हताश और निराश युवा नशे और अपराध के चंगुल में फंस रहे हैं और देश-प्रदेश छोड़कर विदेशों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं।
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Harrison
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