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हरियाणा: अब एके-47 के साथ तैनात रहेंगे पीएसओ, हरियाणा में विधायकों को जान का खतरा, विशेष प्रशिक्षण भी शुरू
Kajal Dubey
12 July 2022 2:23 PM GMT
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हरियाणा के छह विधायकों को रंगदारी और जान से मारने की धमकी मिलने के बाद हरियाणा सरकार ने विधायकों की सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश के सभी 90 विधायकों की सुरक्षा के लिए अब उनके पीएसओ (व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी) को एके-47 दी जाएंगी। धमकी मिलने वाले विधायकों के पीएसओ को यह आधुनिक हथियार मुहैया करा दिए गए हैं। शेष पीएसओ को भी एके-47 से लैस होंगे।
विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सुबह डीजीपी सहित पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाकर विधायकों की सुरक्षा दुरुस्त करने का आदेश दिया है। गृह मंत्री अनिल विज अधिकारियों से इस मामले में लगातार रिपोर्ट ले रहे हैं। एके-47 से लैस पीएसओ को इसलिए तैनात किया जा रहा है क्योंकि विधायकों के पीएसओ के पास पहले पिस्तौल, रिवॉल्वर या कारबाइन होती थी।
एके-47 के मुकाबले इन हथियारों की मारक क्षमता कम है और इनमें गोलियां भी कम आती हैं। एके-47 में एक साथ 32 गोलियां आती हैं और इसकी मारक क्षमता का कोई तोड़ नहीं है। इसलिए विधायकों की सुरक्षा के मामले को बड़ी गंभीरता से लेते हुए सरकार ने पुराने हथियारों के स्थान पर एके-47 देने का निर्णय लिया है। विधायकों के मामले में विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने सुरक्षा को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिया था।
पीएसओ का विशेष प्रशिक्षण भी शुरू
हरियाणा सरकार के एक उच्च अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि सुरक्षा कर्मचारियों को एके 47 देना शुरू कर दिया है। जल्द ही सभी विधायकों के पीएसओ इस हथियार से लैस होंगे। इसके साथ ही सभी विधायकों के पीएसओ को कमांडो सेंटर में सुरक्षा के लिए विशेष प्रशिक्षण भी देने का निर्णय लिया गया है।
पंचकूला स्थित कमांडो प्रशिक्षण केंद्र में पीएसओ के लिए यह कोर्स भी शुरू कर दिया गया है। इस दौरान पीएसओ की शारीरिक दक्षता के साथ-साथ उनके हथियार चलाने के कौशल को जांचा जाता है। एक सप्ताह के इस कोर्स में जवानों को वीआईपी की सुरक्षा के लिए खास टिप्स दिए जाते हैं और उनको हर स्थिति से निपटने के लिए पारंगत किया जाता है। सभी पीएसओ के लिए प्रशिक्षण का शेड्यूल तैयार कर लिया गया है।
निजी कार्यों पर नहीं, सुरक्षा पर फोकस के निर्देश
सरकार के पास रिपोर्ट आई है कि कुछ सुरक्षा कर्मी विधायकों के चालक का भी काम करते हैं या उनके घर के निजी काम भी करते हैं। सरकार ने इसको लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए सख्त निर्देश दिए हैं कि सुरक्षा कर्मचारियों का जिम्मा केवल सुरक्षा का है। इसलिए सुरक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। पीएसओ हर स्थिति में सुरक्षा पर ध्यान रखें और विशेष तौर पर अलर्ट रहें।
विधानसभा अध्यक्ष ने की डीजीपी से बैठक
विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने विधायकों के मामले में सोमवार को डीजीपी पीके अग्रवाल समेत पुलिस के आला अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में धमकी मामले की अब तक जांच को लेकर जानकारी ली गई। पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि एसटीएफ की जांच सही दिशा में चल रही है। कॉल विदेश से ही आई हैं और लगातार टीमें इस पर काम कर रही हैं। बता दें कि अब तक सोहना से भाजपा के विधायक संजय सिंह, कांग्रेस की विधायक साढ़ौरा से रेणु बाला, सोनीपत से सुरेंद्र पंवार, मामन खान, सफीदों से सुभाष गांगोली और बादली से विधायक कुलदीप वत्स को जान से मारने की धमकी के साथ-साथ रंगदारी मांगी जा चुकी है।
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