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हरियाणा न्यूज: सरकार ने लंपी स्किन बीमारी से बचाव के लिए मंगाया गोट पॉक्स वैक्सीन के 5 लाख डोज
Gulabi Jagat
9 Aug 2022 3:23 PM GMT
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हरियाणा न्यूज
चंडीगढ़: हरियाणा के पशुपालन एवं डेयरी मंत्री जय प्रकाश दलाल ने कहा है कि पशुओं में लंपी स्किन बीमारी (एलएसडी) की रोकथाम के लिए 5 लाख गोट पॉक्स वैक्सीन का ऑर्डर (goat pox vaccine Ordered in Haryana) कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि पशुओं में तुरंत वैक्सीनेशन के लिए इस वैक्सीन को एयरलिफ्ट करके मंगाया जा रहा है ताकि पशुपालकों को किसी भी प्रकार का नुकसान ना हो. जेपी दलाल मंगलवार को हरियाणा विधानसभा में चल रहे मॉनसून सत्र में लगाए गए ध्यानाकर्षन प्रस्ताव का उत्तर दे रहे थे.
सरकार ने जारी की एडवायजरी- पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि विभाग हरियाणा में लंपी स्किन बीमारी (Lumpy skin disease in Haryana) की रोकथाम के लिए चिंतित हैं क्योंकि यह एक वायरल बीमारी है. इसके लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब व राजस्थान के मुकाबले हरियाणा में यह बीमारी कम फैली हुई है. इस बीमारी के संबंध में हमने एडवाईजरी जारी कर दी है कि पशुओं का आवागमन बंद हो, पशु मेला लगाना बंद हो, मच्छर-मक्खी की दवाइयों का छिड़काव हो. और अंतर्राज्यीय पशुओं के आवागमन को रोका जाए.
लंपी स्किन बीमारी कहां से आई- दलाल ने सदन में कहा कि लंपी स्किन बीमारी (एलएसडी) एक वायरल रोग है. यह वायरस पॉक्स परिवार का है. लंपी स्किन बीमारी मूल रूप से अफ्रीकी बीमारी है और अधिकांश अफ्रीकी देशों में है. माना जाता है कि इस बीमारी की शुरुआत जाम्बिया देश में हुई थी, जहां से यह दक्षिण अफ्रीका में फैल गई. साल 2012 के बाद से यह तेजी से फैली है, हालांकि हाल ही में रिपोर्ट किए गए मामले मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व, यूरोप, रूस, कजाकिस्तान, बांग्लादेश (2019) चीन (2019), भूटान (2020), नेपाल (2020) और भारत (अगस्त, 2021) में पाए गए हैं. देश में प्रमुख प्रभावित राज्यों में गुजरात, राजस्थान और पंजाब हैं. हरियाणा राज्य में यह रोग अभी प्रारंभिक चरण में है और पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा इसके नियंत्रण और रोकथाम के उपाय किए जा रहे हैं.
लंपी स्किन बीमारी से गौवंश को खतरा- लंपी स्किन बीमारी मुख्य रूप से गौवंश को प्रभावित करती है. देसी गौवंश की तुलना में संकर नस्ल के गौवंश में लंपी स्किन बीमारी के कारण मृत्यु दर अधिक है. इस बीमारी से पशुओं में मृत्यु दर 1 से 5 प्रतिशत है. रोग के लक्षणों में बुखार, दूध में कमी, त्वचा पर गांठें, नाक और आंखों से स्राव आदि शामिल हैं. रोग के प्रसार का मुख्य कारण मच्छर, मक्खी और परजीवी जैसे जीव हैं. इसके अतिरिक्त, इस बीमारी का प्रसार संक्रमित पशु के नाक से स्राव, दूषित फीड और पानी से भी हो सकता है.
लंपी स्किन बीमारी के उपचार एवं रोकथाम- वायरल बीमारी होने के कारण प्रभावित पशुओं का इलाज केवल लक्षणों के आधार पर किया जाता है. बीमारी की शुरूआत में ही इलाज मिलने पर इस रोग से ग्रस्त पशु 2-3 दिन के अन्तराल में बिल्कुल स्वस्थ हो जाता है. किसानों को मक्खियों और मच्छरों को नियंत्रित करने की सलाह दी जा रही है, जो बीमारी फैलने का प्रमुख कारण है. प्रभावित जानवरों को अन्य जानवरों से अलग करना अत्यंत महत्वपूर्ण है. बछड़ों को संक्रमित मां का दूध उबालने के बाद बोतल के जरिए ही पिलाया जाना चाहिए.
इंसानों में नहीं फैलती लंपी स्किन बीमारी- जनस्वास्थ्य से संबंध- यह रोग गैर-जूनोटिक है. यानि यह पशुओं से इंसानों में नहीं फैलता है. इसलिए जानवरों की देखभाल करने वाले पशुपालकों के लिए डरने की कोई बात नहीं है. प्रभावित पशुओं के दूध को उबाल कर सेवन किया जा सकता है.
हरियाणा में लंपी बीमारी से पशुओं की मौत- हरियाणा में कुल 62.92 लाख गोजातीय (भैंस और गौवंश) पशुओं में से 19.32 लाख गौवंश हैं. इन गौवंश में इस बीमारी के फैलने का खतरा है. चालू वर्ष में जुलाई, 2022 के अंतिम सप्ताह में यमुनानगर जिले से लंपी स्किन बीमारी (एलएसडी) की प्रारंभिक रिपोर्ट दी गई थी. 8 अगस्त, 2022 तक कुल मामलों की स्थिति का संक्षिप्त विवरण देते हुए जेपी दलाल ने बताया कि प्रभावित गांवों की संख्या 482, प्रभावित गौवंश की संख्या 6135, प्रभावित भैसों की संख्या शून्य, रोग निदान हेतु लिए गए सैंपलों की संख्या 161, मृत पशुओं की संख्या 23 है.
सिरसा जिले में लंपी स्किन बीमारी- सिरसा जिले में कुल 103 गांव इस बीमारी से प्रभावित हैं. इन गांवों में कुल 825 पशु प्रभावित हुए हैं. जिनमें से 276 पशु इस रोग से ठीक हो चुके हैं और 19 पशुओं की मृत्यु हुई है. सिरसा, यमुनानगर, भिवानी, कैथल, कुरूक्षेत्र और पलवल जिलों में कुल 161 सैंपल लिए गए हैं. सिरसा जिले में कुल 135 गौशालाएं हैं, जिनमें 56 हजार 743 गौवंश हैं. इन गौशालाओं में से 33 गौशालाएं इस रोग से प्रभावित हैं, जिनमें 400 गौवंश इस बीमारी से ग्रस्त हैं.
सिरसा जिले में 60 राजकीय पशु चिकित्सालय और 168 राजकीय पशु औषधालय हैं. जिले में पशु चिकित्सकों के 64 पद स्वीकृत हैं. जिनमें से 52 पद भरे हुए हैं तथा 12 पद रिक्त हैं. जिले में पशुधन विकास सहायक (वी.एल.डी.ए.) के 239 पद स्वीकृत हैं. जिनमें से 199 पद भरे हुए हैं तथा 40 पद रिक्त हैं. पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा लंपी स्किन बीमारी को नियंत्रित करने हेतु उठाए गए कदम के तहत विभाग द्वारा लंपी स्किन बीमारी की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए उठाए गए कदमों के तहत दिनांक 5 अगस्त, 2022 को वैबिनार आयोजित करके सभी जिला उपनिदेशकों को इस बीमारी की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए निर्देश जारी करते हुए आवश्यक कदम उठाने बारे कहा गया है.
इसके अतिरिक्त सभी पशु चिकित्सकों को इस बीमारी के रोकथाम के बारे में जानकारी देकर आवश्यक कदम उठाने को कहा गया है. इस बीमारी की रोकथाम के लिए 6 अगस्त, 2022 को विभाग द्वारा एडवायजरी जारी कर दी गई थी. हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड द्वारा गोट पॉक्स (goat pox vaccine) के 5 हजार वैक्सीन हिसार में लगाई जा चुकी है. लंपी स्किन बीमारी से बचाव के लिए गोट पॉक्स वैक्सीन की 5 लाख खुराकें एयरलिफ्ट की गई हैं. विभाग द्वारा लंपी स्किन बीमारी के लक्षणों के इलाज व बचाव हेतु सभी आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं. दवाइयों की आपूर्ति पहले ही की जा चुकी है.
Gulabi Jagat
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