हरियाणा: एचईआरसी की राज्य में बिजली की स्थिति पर हैं पैनी नजर
पंचकूला न्यूज़ अपडेट: हरियाणा में बिजली की स्थिति को लेकर जहां तरह-तरह के बयान दिए जा रहे हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि जहां दिन में करीब 85 मेगावाट तो शाम को करीब 500 मेगावाट बिजली की सप्लाई कम हो रही है। इस सारे मामले पर जहां सरकार की पैनी नजर है, वहीं यह प्रयास किये जा रहे हैं कि किसी तरह इस कमी को भी जल्द पूरा किया जाए ताकि गर्मी में प्रदेश के लोगों को पर्याप्त बिजली मिले। प्रदेश में बिजली की स्थिति की सटीक जानकारी है, जहां शनिवार को दोपहर बाद 3 बजकर 5 मिनट पर सभी बिजली स्रोतों से 5837 मेगावाट बिजली उपलब्ध थी, लेकिन उस समय बिजली की मांग 5922 मेगावाट थी। यानी उस दौरान 85 मेगावाट कम बिजली की सप्लाई मिल रही थी। शाम होते होते यह मांग 6500 मेगावाट के करीब पहुंच गई, उस समय हरियाणा को करीब 6062 मेगावाट के करीब बिजली उपलब्ध थी। शेयर मार्किट के सूचकांक की तरह बिजली की डिमांड और सप्लाई का ग्राफ ऊपर नीचे होता रहता है। हरियाणा नार्थ रिजनल लोड डिस्पेच सेंटर (एनआरएलडीसी) से जुड़ा हुआ है, यानी देश पांच ग्रिड में बटा हुआ है और हरियाणा एनआरएलडीसी से जुड़ा हुआ है,इस एनआरएलडीसी के अंतर्गत उत्तर भारत के राज्य आते हैं, हर राज्य का अपना स्टेट लोड डिस्पेच सेंटर (एसएलडीसी) होता है। हरियाणा का एसएलडीसी पानीपत में है। यहां पर बिजली का पूरा डाटा आलनाइन होता है, बिजली का लोड और उपलब्धता की यहीं पर सटीक जानकारी होती है।महत्वपूर्ण बात यह है कि शनिवार को ही शाम छह बजे जहां सभी स्रोतों से बिजली की उपलब्धता 6062 मेगावाट थी, जबकि उस समय बिजली की डिमांड 5943 मेगावाट थी, यानी उस दौरान 119 मेगावाट बिजली सरप्लस थी।
हर रोज कुछ मेगावाट बिजली की पावर एक्सचेंस से खरीद होती है, ताकि बिजली कटों से बचा जा सके। लेकिन डिमांड और सप्लाई का करीब 500 मेगावाट से अधिक अंतर नहीं होता और कई बार तो यह अंतर नहीं के बराबर भी हो जाता है। लेकिन भीष्ण गर्मी में बिजली की डिमांड और अधिक भी हो सकती है, जून और जुलाई में डिमांड अधिक होने की पूरी आशंका है, उस समय बिजली के कट लगने की संभावना है, गत वर्ष 7 जुलाई 2021 को बिजली की अधिकतम मांग 12120 मेगावाट थी, लेकिन उस दौरान बिजली वितरण निगमों ने इस मांग को सफलतापूर्वक पूरा किया था। बिजली निगमों के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार शनिवार को दोपहर बाद पानीपत थर्मल प्लांट की तीनों यूनिटें, यूनिट नंबर 6,7 और 8 चल रही थी, इन तीनों यूनिटों की बिजली की क्षमता 710 मेगावाट है और यहां से करीब 554 मेगावाट बिजली मिल रही है। यमुनानगर थर्मल प्लांट में जहां 300-300 मेगावाट की दो यूनिटें हैं, यह दोनों यूनिटें चल रही हैं, यहां से करीब 363 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा था। खेदड़ में जहां 600-600 मेगावाट की दो यूनिटें हैं, यूनिट नंबर एक चल रही है, इससे करीब 549 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है।