पारंपरिक जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने के प्रयासों के तहत राज्य सरकार ने सुखराली गांव के तालाब के पानी के शुद्धिकरण के लिए फिनलैंड दूतावास के साथ समझौता किया है। यह एक पायलट प्रोजेक्ट होगा. सफल होने पर, इसे राज्य भर में अन्य समान जल निकायों तक विस्तारित किया जाएगा। फिनलैंड दूतावास इस पर करीब 1 करोड़ रुपये खर्च करेगा.
2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में कैबिनेट ने दोनों देशों के बीच एक समझौते को मंजूरी दी थी जिसमें वायु और जल प्रदूषण की रोकथाम और शुद्धिकरण, अपशिष्ट प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन में साझेदारी शामिल थी।
भारत में फिनलैंड के राजदूत किम्मो लाहदेवरीटा और माइक्रो इरिगेशन एंड कमांड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमआईसीएडीए) के प्रशासक सतबीर सिंह कादियान ने आज पायलट प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया।
प्रोजेक्ट के तहत जल शुद्धिकरण की इस पूरी प्रक्रिया की लगातार निगरानी की जाएगी. सफल होने पर प्रोजेक्ट नगर निगम गुरूग्राम को सौंप दिया जाएगा और अन्य तालाबों पर भी जल शुद्धिकरण के लिए काम किया जाएगा।
गौरतलब है कि फिनलैंड में पीने के पानी की गुणवत्ता पेयजल शुद्धता सूचकांक में विश्व स्तर पर सबसे अच्छी मानी जाती है। राजदूत किम्मो लाहदेवरीता ने कहा, ''इंडो नॉर्डिक वॉटर फोरम भी इस अभ्यास का समर्थन करेगा। मुझे इस परियोजना की सफलता और विस्तार पर पूरा भरोसा है। यह जन कल्याण के लिए तकनीकी क्रॉसओवर का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। अगर ऑक्स ट्यूब और ऑक्सिटेक रिक्लेमेशन टेक्नोलॉजी का यह प्रयास सफल रहा तो इसे हरियाणा के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी शुरू किया जाएगा।'
कादियान ने कहा कि हरियाणा में स्वच्छ पानी की आपूर्ति के लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं ताकि पानी की कमी की समस्या को दूर किया जा सके। उन्होंने कहा, "हमें राज्य में लगभग 36 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी की जरूरत है लेकिन हमारे पास केवल 20 बिलियन क्यूबिक मीटर है।"