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हरयाणा सरकार स्वरोजगार के लिए महिलाओं को 3 लाख रुपये का ऋण उपलब्ध करवाएगी

Admin Delhi 1
7 Sep 2022 1:48 PM GMT
हरयाणा सरकार स्वरोजगार के लिए महिलाओं को 3 लाख रुपये का ऋण उपलब्ध करवाएगी
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हरयाणा न्यूज़: आजादी के अमृत महोत्सव की श्रंखला में हरियाणा सरकार ने प्रदेश की महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से हरियाणा मातृशक्ति उद्यमिता नाम से एक नई योजना शुरू की है। इस योजना के तहत हर वर्ष 2 हजार महिलाओं को सरकार की ओर स्वरोजगार स्थापित करने के लिए 3 लाख रुपए का ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा। उपायुक्त अजय कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इन योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक सहायता से लेकर स्वरोजगार स्थापित करने में सहायता प्रदान की जाती है। इसी सोच के साथ हरियाणा सरकार द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में ऐसी ही एक हरियाणा मातृशक्ति उद्यमिता योजना को शुरू किया है।

हरियाणा मातृशक्ति उद्यमिता योजना के लिए पात्रता: इस योजना का लाभ उसी महिला को दिया जाएगा जो हरियाणा की स्थाई निवासी है तथा जिनकी परिवार पहचान पत्र में सत्यापित आंकड़ों के आधार पर वार्षिक आय 5 लाख रुपए या इससे कम है। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ लेने के लिए महिला की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आवेदक द्वारा किसी भी योजना के तहत लिए गए लोन में डिफाल्टर नहीं होना चाहिए।

योजना का ऋण पैटर्न: इस योजना के तहत हरियाणा महिला विकास निगम की ओर से 3 साल के लिए 7 प्रतिशत ब्याज पर 3 लाख रुपए तक का ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा। ऋण के संवितरण के बाद अधिस्थगन अवधि तीन महीने की होगी। इस योजना को वित्तीय संस्थानों द्वारा बिना संपाश्र्विक सुरक्षा के कवर किया जाएगा।

योजना के तहत शामिल की जाने वाली गतिविधियां: डेयरी, उद्योग विभाग और केवीआईबी की नकारात्मक सूची में आने वाली गतिविधियों को छोडक़र सभी व्यवहार्य और नवीन गतिविधियों को योजना के तहत कवर किया जाएगा। परिवहन वाहन ऑटो रिक्शा, छोटे माल परिवहन वाहन, तिपहिया, ई-रिक्शा, टैक्सी आदि, वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाने वाले दोपहिया वाहन आदि। समुदाय, सामाजिक और व्यक्तिगत सेवा गतिविधियाँ सैलून, ब्यूटी पार्लर, जिमनैजियम, बुटीक, सिलाई की दुकानें, ड्राई क्लीनिंग, साइकिल और मोटरसाइकिल मरम्मत की दुकानें, डीटीपी और फोटोकॉपी सुविधाएं, दवा की दुकानें, कूरियर एजेंट आदि। खाद्य उत्पाद क्षेत्र पापड़ बनाना, आचार बनाना, जैम/जेली बनाना, ग्रामीण स्तर पर कृषि उपज संरक्षण, मिठाई की दुकानें, छोटे सेवा खाद्य स्टाल और दैनिक खानपान/कैंटीन सेवाएं, कोल्ड चेन वाहन, कोल्ड स्टोरेज, बर्फ बनाने वाली इकाइयां, आइसक्रीम बनाने की इकाइयाँ, बिस्किट, ब्रेड और बन बनाना, आदि। कपड़ा उत्पाद क्षेत्र / गतिविधि हथकरघा, ओवरलूम, खादी गतिविधि, चिकन का काम, जरी और जरदोजी का काम, पारंपरिक कढ़ाई और हाथ का काम, पारंपरिक रंगाई और छपाई। परिधान डिजाइन, बुनाई, कपास की ओटाई, कम्प्यूटरीकृत कढ़ाई, सिलाई और अन्य कपड़ा गैर-परिधान उत्पाद जैसे बैग, वाहन सहायक उपकरण, फर्निशिंग सहायक उपकरण, आदि। व्यापारियों और दुकानदारों के लिए व्यावसायिक ऋण उनकी दुकानें और व्यावसायिक गतिविधियों / सेवा उद्यमों को चलाने के लिए वित्तीय सहायता और गैर कृषि आय पैदा करने वाली गतिविधियाँ आदि। सूक्ष्म इकाइयों के लिए उपकरण वित्त योजना आवश्यक मशीनरी / उपकरण आदि खरीदकर सूक्ष्म उद्यम स्थापित करना। कृषि से संबंधित गतिविधियां जैसे मछली पालन, मधुमक्खी पालन, मुर्गी पालन, एकत्रीकरण कृषि उद्योग, मत्स्य पालन।

ब्याज सब्सिडी की प्रक्रिया: सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (एससीबीएस), क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी) और सहकारी बैंक, जो कोर बैंकिंग सॉल्यूशन (सीबीएस) प्लेटफॉर्म पर हैं, योजना के तहत ब्याज सब्सिडी प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे। हितग्राहियों को ऋण वितरण के बाद वित्तीय संस्था की संबंधित शाखा द्वारा वितरित ऋण प्रकरणों का विवरण ब्याज सब्सिडी राशि के विवरण के साथ हरियाणा महिला विकास निगम के जिला प्रबंधक को प्रेषित किया जाएगा। वित्तीय संस्थान द्वारा किए गए दावों का निपटान निगम द्वारा वार्षिक आधार पर किया जाएगा। जिला प्रबंधक अपनी ओर से आंकड़ों की जांच करेंगे और वित्तीय संस्थान को ब्याज सब्सिडी राशि जारी करेंगे। ईएमआई के भुगतान में चूक के मामले में विलंबित अवधि पर अर्जित ब्याज के लिए कोई ब्याज सब्सिडी की अनुमति नहीं दी जाएगी

योजना का संचालन: राज्य स्तर- इस योजना के तहत उपलब्ध धनराशि के आधार पर प्रत्येक वर्ष एक कार्य योजना तैयार की जाएगी और उसके अनुसार जिलेवार लक्ष्य निर्धारित किए जाएंगे। इस योजना के तहत ऋण सुविधा प्राप्त करने के लिए प्रपत्र विकसित कर वेबसाइट पर अपलोड किए जाएंगे। ब्याज सब्सिडी राशि हेड ऑफिस द्वारा राज्य भर के जिला प्रबंधकों को जारी की जाएगी। जिला स्तर- महिला उद्यमियों की पहचान जिला स्तर पर निगम के संबंधित जिला प्रबंधक द्वारा की जायेगी। मौके का सत्यापन संबंधित जिला प्रबंधक द्वारा किया जाएगा। गतिविधियों को लाभदायक तरीके से संचालित किया जाएगा। स्थानीय संसाधनों, ताकत और कौशल के आधार पर गतिविधियों को प्राथमिकता दी जाएगी। स्थिर विपणन प्रणाली वाली परियोजनाओं की पहचान की जाएगी। सभी लाभार्थियों की प्रविष्टि इस प्रयोजन के लिए विशेष रूप से बनाए गए आवक रजिस्टर में की जाएगी। जिला प्रबंधक अपने जिलों के भीतर योजना के कार्यान्वयन के लिए समग्र रूप से जिम्मेदार होंगे।

आवेदन के साथ जमा किए जाने वाले आवश्यक दस्तावेज: आवेदक महिला का नाम परिवार पहचान पत्र में दर्ज होना अनिवार्य है। महिलाओं को योजना का लाभ लेने के लिए परिवार पहचान पत्र, फैमिली आईडी, ट्रेनिंग प्रमाण पत्र यदि हो तो, आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, आयु का प्रमाण, पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी आदि लगाने होंगे।

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