हरियाणा सरकार आयुष्मान भारत योजना को फॅमिली ID से जोड़ेगी
सिटी न्यूज़: केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत का लाभ गरीब परिवारों और पात्र लोगों को ही मिले, इस दिशा में हरियाणा की मनोहरलाल सरकार अहम कदम उठाने जा रही है। आईआईटी कानपुर विशेषज्ञों से चिंतन मंथन के बाद में इस योजना का लाभ लेने वालों को परिवारों को हर सूरत में परिवार पहचान पत्र बनवाना व इसमें जोड़ना होगा। परिवार पहचान पत्र से जोड़ने के पीछे राज्य के आला-अफसरों की मंशा पात्र परिवारों को ही इसका लाभ मिले, फर्जीवाड़ा कर बीपीएल के नाम पर इसका लाभ लेने वालों के नाम सूची से गायब हो जाएंगे। सूत्रों का कहना है कि हरियाणा प्रदेश के सभी जिलों में इस वक्त लगभग साढ़े 29 लाख कार्डधारक दायरे में आते हैं। लेकिन इसमें पीपीपी अर्थात ( परिवार पहचान पत्र) की शर्त लगने के साथ ही संख्या में गिरावट आनी पूरी तरह से तय है, अर्थात पात्र लोग ही इसका लाभ ले सकेंगे।
सीएम के प्रमुख सचिव कर चुके आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों से चर्चा: सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव और आला अफसर आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों से चर्चा कर चुके हैं। जिसमें सैद्धांतिक तौर पर इसे पीपीपी से जोड़ने का फैसला हो चुका है। इस पर जल्द ही कामकाज की शुरुआत होने जा रही है। यहां पर उल्लेखनीय है कि सरकार ने परिवार पहचान पत्र के माध्यम से कम आय वाले परिवारों को चिह्नित कर आयुष्मान भारत योजना में जोड़ने का कदम उठाया था। लेकिन पीपीपी में वैरिफेकशन के बाद भी कईं प्रकार के बदलाव होने हैं। अर्थात वैरिफिकेशन के बाद शुद्ध पात्रों को ही इसका लाभ मिले, जिसके लिए पीपीपी को अनिवार्य कर दिया जाएगा। यहां पर यह भी याद रहे कि केंद्र की इस अहम व गरीब कल्याण योजना के तहत 5 लाख रुपए तक का चिकित्सकीय खर्च प्रतिवर्ष, प्रति परिवार, राज्य सरकार की तरफ से नि:शुल्क उपलब्ध करवाया जाता है।
सरकार द्वारा सुनिश्चित किया गया है कि लाभार्थी को राज्य के आयुष्मान भारत द्वारा सूचीबद्ध अस्पताल में नि:शुल्क सूचीबद्ध स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ प्राप्त हो सके। वैसे, भी लोग आयुष्मान केंद्र में जाकर आयुष्मान भारत का कार्ड बनवा सकते हैं। लाभार्थी को आने वाले वक्त में अनिवार्य तौर पर परिवार पहचान पत्र यानी पीपीपी आईडी देना होगा। पूर्व में इसको लेकर ज्यादा सख्ती नहीं थी। वैसे, भी 2011 में हुए आर्थिक सर्वेक्षण में इस योजना में आने के योग्य पाए गए परिवारों के ही यह कार्ड बने हैं। सरकार ने मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत पीपीपी के माध्यम से चिह्नित किए गए कम आय वाले परिवारों को इस योजना के साथ जोड़ने कदम उठाया है।
29 लाख से ज्यादा के पास गोल्डन कार्ड: आयुष्मान योजना को लेकर आंकड़ों पर गौर करें, तो हरियाणा में 15.50 लाख परिवारों का पंजीकरण है। जबकि 29 लाख से अधिक लोगों के पास गोल्डन कार्ड हैं।