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हरियाणा सरकार ने गरीबों औैर सैनिकों के सैकड़ों करोड़ रुपए हड़पे: सैलजा

Shreya
1 Aug 2023 12:16 PM GMT
हरियाणा सरकार ने गरीबों औैर सैनिकों के सैकड़ों करोड़ रुपए हड़पे: सैलजा
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चंडीगढ़। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव कुमारी सैलजा ने कहाकि बड़े-बड़े दावे और वायदे कर वाहवाही लूटने वाली भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की एक और हकीकत उजागर हो गई है। लोगों के सिर पर छत का वायदा करने वाले गरीबों और सैनिकों से रुपए लेने के बावजूद उन्हें आज तक फ्लैट नहीं दे पाए हैं। नौ साल तक इनके रुपए बरतने वाला हाउसिंग बोर्ड न तो इनके घर का सपना ही साकार कर पाया है और न ही अब इन्हें 15 प्रतिशत ब्याज समेत राशि वापस करने को तैयार हो रहा है।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहाकि हाउसिंग बोर्ड ने साल 2014 में डिफेंस, आर्थिक रूप से कमजोर और गरीबों के लिए फ्लैट स्कीम लॉन्च की थी। इनमें डिफेंस की 11 स्कीम और बीपीएल एवं ईडब्ल्यूएस की 7 स्कीम शामिल थी। अपने घर की आस में लोगों ने इन स्कीमों में बढ़-चढक़र हिस्सा लिया। लेकिन, आज तक किसी को भी फ्लैट नहीं मिल पाया।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहाकि हाउसिंग बोर्ड ने लोगों से 200 करोड़ से अधिक रुपए एकत्रित कर लिए और इनका प्रयोग फ्लैट बनाने की बजाए किन्हीं अन्य कार्यों में ही कर लिया। अब आर्थिक स्थिति खराब होने का हवाला देते हुए गठबंधन सरकार हाउसिंग बोर्ड का हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण में विलय कर रही है। लोगों के जमा रुपए ब्याज समेत लौटाने पर कोई कदम नहीं उठाया गया है।

सैलजा ने कहा कि ईडब्ल्यूएस परिवारों के लिए हिसार, करनाल में तथा बीपीएल परिवारों के लिए धारूहेड़ा, सोनीपत, पानीपत और फरीदाबाद में फ्लैट बनाए जाने थे। लेकिन, इन सभी 07 स्कीमों को रद्द कर दिया गया। इसके विपरीत भाजपा की केंद्र सरकार का दावा था कि वर्ष 2022 तक देश के हर व्यक्ति को घर मुहैया जाएगा। लेकिन, हरियाणा में रुपए लेने के बावजूद गरीबों को छत नसीब नहीं हो पाई है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि डिफेंस के जेसीओ रैंक तक के सैनिकों व अर्धसैनिक बल के जवानों के लिए झज्जर, गुडग़ांव, फरीदाबाद, महेंद्रगढ़, पिंजौर, रेवाड़ी, रोहतक, पलवल, सांपला आदि जगहों पर फ्लैट बनाए जाने थे। लेकिन, इनमें से कहीं पर भी कोई ईंट तक नहीं लगी। झज्जर सेक्टर-6 और फरीदाबाद सेक्टर-56 में जरूर कुछ फ्लैट बने हैं, लेकिन ये अभी इस स्थिति में नहीं हैं कि इन्हें अलॉट किया जा सके। स्कीमों को अमल में न लाने के लिए जो भी अधिकारी व नेता जिम्मेदार रहे हैं, उन पर कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके साथ ही तमाम आवेदकों को कम से कम 15 प्रतिशत ब्याज के साथ राशि वापस लौटानी चाहिए।

आवासीय योजना के लिए आया 54 करोड़ रुपया वापस लौैटाः

वर्ष 2013 में जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, तब सिरसा में आवासीय योजना के तहत ऑटो मार्केट क्षेत्र में चार एकड़ भूमि में करीब 1500 मकानों के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था। इसके लिए केंद्र सरकार ने 54 करोड़ रुपए जारी किए थे। बाद में सरकार बदल गई और नई सरकार ने इस ओर कोई ध्यान ही नहीं दिया। केंद्र सरकार से आई 54 करोड़ रुपए की राशि वापस लौट गई। अगर सरकार ने इस ओर गंभीरता से ध्यान दिया होता तो कम से कम 1500 लोगों को छत मिल गई होती। ऐसी अनेक योजनाएं जिनकी ओर भाजपा सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया और योजनाएं फाइले में बंद होकर रह गई।

एक हजार से अधिक मकानों का नहीं हुआ आवंटनः

उन्होंने कहाकि इसी प्रकार हाऊसिंग बोर्ड की ओर से सिरसा में हुडा सेक्टर के समीप 1070 मकान बनवाए गए थे। आज एक फ्लैट की कीमत कम से कम 20 लाख रुपए है। ये फ्लैट आंवटित ही नहीं किए गए और न ही उनकी देखरेख की गई। कुछ फ्लैट में थेहड़ से विस्थापित किए गए परिवारों को बसाया गया पर उन्हें भी कोई सुविधा प्रदान नहीं की गई। आज भी वहां के लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे है। अगर सरकार ने जनहित में सही ढंग से काम किया होता तो यहां भी एक हजार से अधिक लोगों को छत मिल सकती थी।

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