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हरियाणा सरकार ने एक करोड़ रुपये तक के भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की शक्तियां जिला विजिलेंस समितियों को सौंपी

Kunti Dhruw
28 May 2022 8:08 AM GMT
हरियाणा सरकार ने एक करोड़ रुपये तक के भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की शक्तियां जिला विजिलेंस समितियों को सौंपी
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हरियाणा सरकार ने एक करोड़ रुपये तक के भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की शक्तियां जिला विजिलेंस समितियों को भी सौंप दी हैं।

हरियाणा सरकार ने एक करोड़ रुपये तक के भ्रष्टाचार के मामलों की जांच की शक्तियां जिला विजिलेंस समितियों को भी सौंप दी हैं। बीते दिनों लिए गए गए फैसले अनुसार अभी तक मंडलायुक्त स्तर की समितियां की इस राशि के भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कर सकती थीं। शुक्रवार को मुख्य सचिव कार्यालय ने भ्रष्ट अफसरों पर शिकंजा कसने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी कर दिए।

10 दिन में डीसी को एडीसी की अध्यक्षता में जिला विजिलेंस समितियों का गठन करना होगा। एक करोड़ से अधिक के भ्रष्टाचार के मामलों को ये समितियां मुख्य सचिव को कार्रवाई के लिए भेजेंगी। इसके साथ ही उपमंडल स्तरीय समितियों का भी गठन होगा। जिला समितियां 15 दिन में एक बार और उपमंडल समितियां महीने में एक बार भ्रष्टाचार में संलिप्त अफसरों पर कार्रवाई के लिए सरकारी कार्यालयो में दबिश देंगी।
जिला समितियों के पास बी, सी, डी श्रेणी के कर्मियों के अलावा पंचायती व निकाय जनप्रतिनिधियों पर भी कार्रवाई का अधिकार होगा। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली प्रदेश स्तरीय समिति में 10 वरिष्ठ अफसर शामिल हैं। एडीसी की अध्यक्षता में गठित जिला विजिलेंस समिति और एसडीएम की अगुवाई में गठित उपमंडल विजिलेंस समिति को सरकार ने अनेक अधिकार दिए हैं।
जिला समिति में एडीसी के अलावा डीसी की तरफ से नियुक्त कार्यकारी अभियंता और अकाउंटेंट, विजिलेंस महानिदेशक के नियुक्त डीएसपी व संबंधित महकमे का एक अफसर सदस्य के रूप में शामिल होगा। उपमंडल समिति में एसडीएम के साथ ही डीसी का नियुक्त इंजीनियर और अकाउंटेंट व विभाग का एक अधिकारी शामिल रहेगा। भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा-17 ए के तहत जिला व मंडल स्तरीय समितियों को ये शक्तियां सौंपी गई हैं।
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