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हरियाणा: हाईवे पर किसानों ने लगाया जाम

Kajal Dubey
10 July 2022 1:44 PM GMT
हरियाणा: हाईवे पर किसानों ने लगाया जाम
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कलायत। हिसार के गांव खेदड़ की घटना के विरोध में किसान यूनियन के विभिन्न संगठनों ने शनिवर को प्रदर्शन करते हुए गांव खरक पांडवा में चंडीगढ़-हिसार राष्ट्रीय मार्ग पर जाम लगाया। इस दौरान जमकर नारेबाजी की। करीब आधे घंटे बाद पुलिस अधिकारियों के समझाए जाने पर उन्होंने जाम खोला।
इससे पहले संगठनों की महत्वपूर्ण बैठक सहारण खाप प्रधान साधू राम कौलेखां की अध्यक्षता में हुई। इसमें खेदड़ में किसानों पर लाठीचार्ज, पानी की बौछार व आंसू गैस से हमला करने की घटना की कड़े शब्दों में निंदा की। युवा नेता गुरनाम सहारण, महेंद्र रामगढ़ पांडवा और दूसरे यूनियन नेताओं ने कहा कि खेदड़ घटना में एक किसान की मौत हुई व कई घायल हुए हैं। उन्होंने इसे प्रजातंत्र पर सीधा हमला करार दिया। किसान नेताओं ने घटना की निंदा की। उन्होंने सरकार से मांग है कि पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए।
खाप प्रधान ने कहा कि खेदड़ में आंदोलन कर रहे किसान जो भी फैसला लेंगे, उसके अनुरूप ही भविष्य की रणनीति तैयार की जाएगी। प्रदर्शन की सूचना मिलते ही डीएसपी सज्जन कह्नमार व कलायत थाना प्रभारी बलदेव सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने किसानों ने सौहार्दपूर्ण माहौल में बात की और जन सुविधा के मद्देनजर नेशनल हाईवे पर जाम हटाने की अपील की। इस पर किसान तत्काल मार्ग से हट गए। किसानों का कहना था कि कानून व्यवस्था को कायम रखते हुए वे शांति पूर्वक ढंग से जनहित मुद्दों को लेकर वे निरंतर आवाज उठाते रहेेंगे।
किसान के परिवार की मदद करे सरकार : माजरा
कैथल। हिसार में किसान आंदोलन में मौत का शिकार हुए किसान के परिवार को आर्थिक मदद व परिवार में एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। यह मांग पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा ने की। विज्ञप्ति में उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा-जजपा सरकार किसान विरोधी है। किसानों की मांगों को लगातार अनदेखा किया जा रहा है। किसान अपनी मांगों को लेकर खेदड़ में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे।
इस दौरान एक किसान की मौत हो गई और कई लोगों को चोटें आई हैं। खेदड़ में बिजली प्लांट की राख के कारण लोगों का जीना मुहाल है। तीन माह से किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रही। प्रदर्शन में प्रशासन की लापरवाही के कारण किसान की मौत हुई है। उस किसान के परिवार को सहारा देने के लिए परिवार को बीस लाख रुपये मुआवजा व सरकारी नौकरी दी जाए।
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