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हरियाणा आर्थिक रेल गलियारे से बनेगा औद्योगिक हब, जानिए पूरी खबर

Admin Delhi 1
25 July 2022 10:02 AM GMT
हरियाणा आर्थिक रेल गलियारे से बनेगा औद्योगिक हब, जानिए पूरी खबर
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रोहतक न्यूज़: प्रदेश के रेल नक्शे में बहुत बड़ा बदलाव होने वाला है। जिससे न केवल रोजगार की नई रेलगाड़ी निकलेगी, बल्कि राज्य का औद्योगिक ढांचा भी पूरी तरह से नए रूप में बदल जाएगा। विकास को नए पंख लगेंगे और रेल यातायात भी सुगम हो जाएगा। वैसे तो हरियाणा गठन के बाद से रेलवे ने प्रदेश में उतना विकास नहीं किया, जितना किया जाना चाहिए था। अंबाला, रेवाड़ी, हिसार, रोहतक और फरीदाबाद के अलावा शेष जिलों में रेल सुविधाएं उतनी नहीं रही है, जितनी जरूरी थी। फतेहाबाद जिला मुख्यालय तो आज तक भी रेलवे से जुड़ ही नहीं पाया। अब प्रदेश में रेलवे कनेक्टिविटी में व्यापक सुधार की तैयारी से काम किया जा रहा है, जो राज्य के विकास में वरदान साबित होगा। देश में सड़क के दोनों तरफ की तरह रेल आर्थिक कॉरिडोर भी हरियाणा से होकर गुजरेंगे। वहीं हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना भी प्रदेश को एक औद्योगिक हब के रूप में विकसित करने में अहम होगी। इसके अलावा अग्रोहा रेल लाइन, दिल्ली से हिसार तक एयरपोर्ट कनेक्टिविटी रेलवे ट्रैक बिछाने और निर्माणधीन इंटीग्रेटिड एविएशन हब हो या इनलैंड कंटेनर डिपो अथवा डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर ट्रेक हाईस्पीड ट्रेन से प्रदेश के विकास को नई धार मिलेगी।

वेस्टर्न कॉरिडोर पर सुरंग: उत्तर प्रदेश के दादरी से लेकर मुंबई में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट तक विकिसत किए जा रहे 1,504 किमी लंबे वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर के तहत हरियाणा में वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के 306 किमी लंबे पहले सेक्शन न्यू रेवाड़ी से न्यू मदार तक डबल डेकर कंटेनर ट्रेन चलाकर पिछले साल जनवरी में शुरू किया जा चुका है, जो न्यू अटेली से न्यू किशनगढ़ तक चलाई गई थी। महेंद्रगढ़ व रेवाडी जिले में इस सेक्शन की लंबाई करीब 79 किमी है, जिसके लिए न्यू रेवाड़ी, न्यू अटेली और न्यू फुलेरा जंक्शन स्टेशन बनाए गए हैं। इस कॉरिडोर पर अटेली के निकट कठुवासा कॉनकोर का कंटेनर डिपो का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। जबकि रेवाड़ी से दादरी तक 128 किलोमीटर का हिस्से का निर्माण अंतिम चरणों में है, जिसका 98 किमी हिस्सा हरियाणा में है। इसी हिस्से के तहत अरावली के इलाके में एक किलोमीटर लंबी रेल टनल (सुरंग) का निर्माण पूरा चुका है। इसकी चौड़ाई 15 मीटर और ऊंचाई 12 मीटर है। ओवरहेड इलेक्ट्रिक एक्यूपमेंटयुक्त यह सुरंग दुनिया की पहली ऐसी सुरंग होगी, जिससे न केवल डबल डेकर ट्रेनें गुजर सकेंगी, बल्कि एक साथ दो ट्रेनें निकलेंगी। इस कारिडोर पर डेढ़ से दो किलोमीटर लंबी ट्रेनें चलाई जाएंगी। यह रेल कॉरिडोर गुरुग्राम में सोहना के इलाके से होते हुए नूंह, रेवाड़ी से आगे राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र के कई शहरों के नजदीक से होकर गुजरेगा। वहीं दिल्ली एयरपोर्ट के नजदीक होने से हरियाणा के उद्योगों को रेल कॉरिडोर से फायदा देने के मकसद से राज्य सरकार ने वेस्टर्न रेल कॉरिडोर के मद्देनजर महेंद्रगढ़ जिले के नांगल चौधरी में 900 एकड़ से अधिक क्षेत्र में उत्तर भारत के सबसे बड़े इंटीग्रेटेड मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब जैसे प्रोजेक्ट से जुड़ी सड़क, पानी और बिजली का काम शुरू करा दिया है।

ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर: वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर की तरह ही पंजाब के लुधियाना से दादरी होते हुए पश्चिम बंगाल में हावड़ा के नजदीक दानाकुनी तक विकसित किए जा रहे 1856 किलोमीटर लंबे ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर भी हरियाणा के यमुनानगर और अंबाला जिले से होकर गुजरेगा। इसके तहत अंबाला डिवीजन के अधीन कॉरिडोर लाइन पर यूपी की सीमा में पिलखनी, हरियाणा में कलानौर, जगाधरी, दराजपुर, बराड़ा, केसरी, दुखेड़ी, अंबाला सिटी, शंभू, सराय बंजारा के बाद पंजाब में चार स्टेशन बनाए जा रहे हैं, जिन पर मल्टी मॉड्यूलर लॉजिस्टिक हब भी बनाए जाएंगे। निर्माण के लिए अंबाला प्रोजेक्ट के अधीन पिलखनी से लुधियाना तक 175 किमी. लंबे ट्रैक का निर्माण का ज्यादातर काम हो चुका है।प्रदेश में 6578 करोड़ रुपये की लागत 557 किमी लंबी नई रेल बिछाने का काम चल रहा है, जबकि 357 किमी रेल लाइन के प्रस्ताव हेतु सर्वेक्षण कार्य किया जा रहा है। वहीं 400 करोड़ की लागत से हिसार सिरसा वाया अग्रोहा-फतेहाबाद की 93 किमी लंबी नई रेल लाइन के अलावा हिसार से बठिंडा डबल लाइन बिछाने का भी काम चल रहा है। इसी प्रकार रोहतक से महम, हांसी तक रेलवे लाइन बिछाई जा रही है।

कलानौर में इनलैंड कंटेनर डिपो: अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता आर्थिक कॉरिडोर के मद्देनजर राज्य सरकार ने इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर हिसार के लिए 1605 एकड़ जमीन का चयन किया है। इसी कॉरिडोर के तहत राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के सामने यमुनानगर जिले के कलानौर में इनलैंड कंटेनर डिपो की मांग रखी है, ताकि इस कॉरिडोर पर इनलैंड कंटेनर डिपो बनने से हरियाणा के साथ ही हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब जैसे आसपास के राज्यों को भी मिल सके।वहीं प्रदेश में पिछले आठ साल में उन 350 किमी रेलवे लाइन का विद्युतीकरण किया गया, जबकि करीब पौने दो सौ किमी का विद्युतीकरण कार्य चल रहा है। इसके अलावा इस दौरान प्रदेश में मानव रहित रेलवे फाटकों पर 122 रेलवे ओवरब्रिज अथवा रेलवे अंडरब्रिज बनाए गये हैं और 45 आरओबी अथवा आरयूबी का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

गुरुग्राम सीधे चंडीगढ़ से जुड़ेगा: ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का यह रूट सीधे गुरुग्राम को दिल्ली के बाहर निकालते हुए सीधे चंडीगढ़ से जोड़ेगा। आईएमटी खरखौदा में इस प्रोजेक्टण के तहत निर्माणाधीन प्लांट के लिए अलग से यार्ड बनाने की प्रक्रिया चल रही है। केएमपी के साथ एनएच-9 को क्रॉस करने के लिए एक एलीवेटेड ट्रैक बनाने का भी प्रस्ताव है। इस रेलवे ट्रैक बनने के बाद झज्जर और अन्य जिलों के विकास को भी पंख लगेंगे। इसके अलावा हरियाणा के गुड़गांव-बहादुरगढ़-खरखौदा-पलवल भी आपस में कनेक्ट हो जाएंगे। चार बड़ी रेलवे लाइनों में दिल्ली-मथुरा मार्ग पर असावटी गांव में, दिल्ली-रेवाड़ी मार्ग पर पाटली गांव में, दिल्ली-रोहतक रेल लाइन पर आसौदा में व दिल्ली-अम्बाला रेलवे लाइन पर सोनीपत के हरसाना में यह रेल आर्बिटल रेलवे लाइन जुड़ेगी।

हिसार से दिल्ली के बीच दौड़ेंगी सुपरफास्ट ट्रेनें: दिल्ली और हिसार के बीच सुपर फास्ट रेलगाड़ियां चलाने की तैयारी है। इस परियोजना के तहत एलीवेटिड रेल लाइन बिछाई जाएगी। इसका मकसद हिसार में बन रहे महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट को दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का फीडर एयरपोर्ट बनाना है। फिलहाल दिल्ली-हिसार के बीच 180 किलोमीटर की दूरी सामान्य रेल से चार घंटे में तय होती है, जो एलीवेटिड रेल लाइन बनने से महज पौने दो घंटे में तय होगी। इसका फायदा यह होगा कि दिल्ली इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर यदि ज्यादा एयर ट्रैफिक होगा तो कुछ एयर ट्रैफिक हिसार एयरपोर्ट पर डायवर्ट किया जा सकेगा।

ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का निर्माण: भारतीय रेल व हरियाणा सरकार की एक साझा परियोजना के रुप में प्रदेश में 5,618 करोड़ रुपये की लागत से कुंडली मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे के साथ-साथ 121.74 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक के साथ विशेष ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर का निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है। उत्तर व दक्षिण की बड़ी रेलवे लाइनों से कनेक्ट होने वाले इस रेल ट्रैक पर दो रेलवे फ्लाईओवर व 153 रेलवे अंडरपास बनाए जाने हैं। हरियाणा रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन की ओर से केएमपी के साथ 150 से 200 फीट जगह में यह रेल लाइन पर दो रेलवे फ्लाईओवर व 153 रेलवे अंडरपास बनाए जाने हैं।

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