हरियाणा: डिप्टी सिविल सर्जन ने छोड़ा रेफरल ट्रांसपोर्ट का चार्ज
हरियाणा ब्रेकिंग न्यूज़: जींद। 25 दिन में ही डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. रमेश पांचाल ने रेफरल ट्रांसपोर्ट (एंबुलेंस) का चार्ज छोड़ दिया। डॉ. रमेश पांचाल ने उनके पास पहले ही अधिक कार्यक्रमों का बोझ का हवाला दिया है। अब सिविल सर्जन डॉ. मंजू कादियान ने चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल कुमार को रेफरल ट्रांसपोर्ट का चार्ज दिया है। इससे पहले 26 जून को डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. जेके मान ने रेफरल ट्रांसपोर्ट का चार्ज छोड़ा था। उन्होंने भी काम की अधिकता को इसका कारण बताया था बतादें कि 15 जून को एंबुलेंस में ऑक्सीजन की कमी के कारण एक बच्चे की मौत हो गई थी। इसके बाद 26 जून को तत्कालीन रेफरल ट्रांसपोर्ट डॉ. जेके मान ने रेफरल ट्रांसपोर्ट का चार्ज छोड़ दिया था। उन्होंने कहा था कि उनके पास अन्य कार्यक्रमों का बोझ ज्यादा है। इसलिए वह रेफरल ट्रांसपोर्ट का इतना अधिक समय नहीं दे पाते। रेफरल ट्रांसपोर्ट एक बेहद ही संवेदनशील मामला है।
इसके बाद सिविल सर्जन ने 26 जून को डॉ. रमेश पांचाल को रेफरल ट्रांसपोर्ट का चार्ज सौंप दिया था। अब वीरवार को डॉ. रमेश पांचाल ने भी रेफरल ट्रांसपोर्ट का चार्ज छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि उनके पास अन्य कार्यक्रमों का बोझ ज्यादा है, इसलिए वह रेफरल ट्रांसपोर्ट का चार्ज छोड़ रहे हैं। सिविल सर्जन ने अब डॉ. अनिल कुमार को यह चार्ज सौंपा है। नागरिक अस्पताल में एंबुलेंस चालकों पर पहले भी लापरवाही के आरोप लगते रहे हैं। कभी एंबुलेंस को वाया गोहाना होते हुए रोहतक लेकर जाने के मामले सामने आ चुके हैं। इस कारण अब तक कोई भी डिप्टी सिविल सर्जन इस प्रकार के मामलों पर अंकुश नहीं लगा सका। 15 दिन पहले भी एंबुलेंस चालक की लापरवाही सामने आ चुकी है। इसमें एंबुलेंस चालक द्वारा मरीजों के लिए एसी नहीं चलाने तथा खुद के लिए एसी चलाने, एंबुलेंस चालकों द्वारा एंबुलेंस में धूम्रपान करने जैसे मामले आ चुके हैं। डॉ. रमेश पांचाल ने रेफरल ट्रांसपोर्ट का चार्ज छोड़ दिया है। उन्होंने अन्य कार्यक्रमों का ओवरलोड कारण बताया है। अब चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल कुमार को यह चार्ज दिया गया है।