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हरियाणा कांग्रेस विधायकों को दिल्ली बुलाया गया, क्रॉस वोटिंग का खतरा

Tulsi Rao
1 Jun 2022 5:11 PM GMT
हरियाणा कांग्रेस विधायकों को दिल्ली बुलाया गया, क्रॉस वोटिंग का खतरा
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हरियाणा में पिछली बार राज्यसभा की सीट का परिणाम सभी को याद है, जिसमें इनेलो की तरफ से आरके आनंद तो निर्दलीय और भाजपा समर्थित सुभाष चंद्रा के बीच कड़ी टक्कर हुई थी. कांग्रेस के 16 वोट निरस्त होने की वजह से सुभाष चंद्रा को सीट पर जीत मिली थी. गौरतलब है कि 2016 के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के विधायकों के पेन की स्याही बदलने की वजह से 16 वोट निरस्त हो गए थे और सुभाष चंद्रा जीत गए थे. इस बार सुभाष चन्द्रा राजस्थान के रास्ते ऊपरी सदन में जाने की तैयारी कर रहे हैं तो वहीं पिछले बार की तरह कोई गलती न हो इसके लिये कांग्रेस आलाकमान ने सभी पार्टी विधायकों को दिल्ली तलब कर लिया है.

गुरुवार को दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के सी वेणुगोपाल की अगुआई और भूपेंदर हुड्डा और विवेक बंसल के साथ सभी विधायकों की मीटिंग होगी. इसमें नया प्रदेशाध्यक्ष बनाए जाने के बाद से ही नाराज चल रहे आदमपुर हल्के से विधायक कुलदीप बिश्नोई को भी बुलाया है.
इससे पहले चंडीगढ़ में हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भी कुलदीप नहीं पहुंचे थे. कुलदीप ने कांग्रेस के कार्यक्रमों से पूरी तरह से दूरी बनाई हुई है. उनके गुरुवार की बैठक में पहुंचने के आसार भी बहुत कम हैं. कायदे से एक सीट भाजपा के खाते की है तो दूसरी कांग्रेस की, लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय का जजपा और निर्दलियों के समर्थन से मैदान में आने से कांग्रेस का गणित गड़बड़ा गया है क्योंकि कांग्रेस के विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप शर्मा खुद कार्तिकेय के ससुर हैं तो वहीं कुलदीप बिश्नोई भी कांग्रेस से नाराज़ चल रहे हैं.
कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन को हरियाणा से राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है. माकन पर हरियाणा से बाहर का होने के भी आरोप लग रहे हैं. हालांकि जवाब में कांग्रेसियों ने भी यह कहना शुरू कर दिया है कि कार्तिकेय शर्मा भी हरियाणा के नहीं हैं. बहरहाल हरियाणा के सभी विधायकों को राजस्थान के किसी रिजॉर्ट में इकट्ठा किया जा सकता है और जब तक चुनाव नहीं हो जाता उनका सम्पर्क दूसरे दल के नेताओं के साथ पूर्ण रूप से काटा जा सकता है.
कांग्रेस के पास अपने 31 विधायक हैं और कांग्रेसी प्रत्याशी के जीत के लिए काफी भी हैं, लेकिन कांग्रेस को खतरा क्रॉस वोटिंग से है या फिर पिछली बार की तरह कोई विधायक अपना वोट रद्द ना करवा ले. कार्तिकेय के पास भाजपा, जजपा, निर्दलीय और गोपाल कांडा का समर्थन है. हालांकि ये सब मिलकर 31 तक नहीं पहुंचते हैं और गिनती में 28 ही बनते हैं. लेकिन कांग्रेस में जिस तरीके से पार्टी के अंदर ही कई नेताओं में नाराजगी चल रही है. उसे देखते हुए ये भी संभावना जताई जा रही है कि कार्तिकेय यहां बाजी मार सकते हैं.
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