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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सभी जिलों के डीसी व एसपी को किया तलब, लापरवाही बरतने पर लगेंगे क्लास

Admin Delhi 1
20 March 2022 2:46 PM GMT
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सभी जिलों के डीसी व एसपी को किया तलब, लापरवाही बरतने पर लगेंगे क्लास
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हरयाणा न्यूज़ स्पेशल: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश में चल रही सरकारी योजनाओं तथा कानून-व्यवस्था पर स्टेट्स रिपोर्ट के लिए प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों तथा पुलिस अधीक्षकों को तलब किया है। मुख्यमंत्री लाल 24 मार्च को चंडीगढ़ में प्रदेश स्तरीय बैठक लेंगे। माना जा रहा है कि लापरवाही बरतने वाले अफसरों की क्लास भी इस बैठक में लगने वाली है। बताया गया कि मुख्यमंत्री ने लम्बे अरसे के बाद सिविल व पुलिस प्रशासन के अफसरों को एक साथ बुलाया है। हरियाणा निवास पर होने वाली इस बैठक में मुख्य रूप से आठ बिंदुओं पर चर्चा होगी। इनके अलावा उन प्रोजेक्ट पर रिपोर्ट ली जाएगी, जिनकी लागत एक सौ करोड़ रुपये से अधिक है। इस मुद्दे पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक मॉनिटरिंग कमेटी भी गठित की गई है। बैठक में मुख्य सचिव संजीव कौशल के अलावा मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी व विभिन्न विभाग व पुलिस के आला अफसर भी मौजूद रहेंगे। बैठक में 'स्वामित्व' योजना को लेकर सभी जिलों के डीसी से रिपोर्ट ली जाएगी। प्रदेश के गांवों को लालडोरा मुक्त करने वाली इस योजना की शुरूआत करनाल के सिरसी गांव से पायलट के तौर पर हुई थी। अब पूरे प्रदेश में इसे लागू किया जा चुका है। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी यह योजना पसंद आई और उन्होंने देशभर में इसे स्वामित्व के नाम से लागू करने का ऐलान किया।

सरकार इस साल के अंत तक गांवों को लालडोरा मुक्त करने की प्लानिंग में है। मुख्यमंत्री अंत्योदय उत्थान योजना को लेकर अधिकारियों से जानकारी ली जाएगी। परिवार पहचान-पत्र के साथ इस योजना को कनेक्ट किया है। योजना के तहत सरकार एक लाख ऐसे गरीब परिवारों को चिह्नित कर चुकी है, जिनकी सालाना आय एक लाख रुपये से भी कम है। इनमें ऐसे परिवारों की संख्या भी काफी कम है, जिनकी वार्षिक आदमन 50 हजार रुपये भी नहीं है। सरकार ने सभी जिलों में लैंड बैंक बनाने का निर्णय लिया है। बैठक में करनाल और गुरुग्राम के डीसी की ओर से इसे लेकर एक प्रेजेंटेशन दिया जाएगा। सरकार ने सरकारी जमीनों को भी एक प्लेटफार्म पर रखने की योजना बनाई है। इतना ही नहीं, अलग-अलग विभागों व बोर्ड-निगमों की जमीन का टाइटल भी 'सरकारी' किया जा रहा है।

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