हरियाणा
हरियाणा: केस दर्ज और युवकों को रिहा करने पर नहीं बनी सहमति, तीन घंटे चली वार्ता
Kajal Dubey
12 July 2022 2:30 PM GMT
x
पढ़े पूरी खबर
हरियाणा के हिसार में राजीव गांधी खेदड़ पावर प्लांट की राख के लिए आंदोलनकारियों और पुलिस में हुए टकराव में किसान धर्मपाल सहारण की मौत के मामले में सोमवार को एक बार फिर कमेटी और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच बैठक हुई। तीन घंटे में दो बार वार्ता हुई लेकिन पुलिस द्वारा पकड़े चार युवकों को रिहा करने और दर्ज केस रद्द करने पर सहमति नहीं बन सकी।
वहीं तीन दिन बाद भी किसान के शव का अंतिम संस्कार नहीं हो पाया है। सोमवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रो. संपत सिंह, कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा और पूर्व विधायक प्रो.छतरपाल सिंह खेदड़ में धरने पर किसानों के बीच पहुंचे।
प्रशासन कर रहा टालमटोल
दो दौर की वार्ता विफल होने के बाद सोमवार को आंदोलकारियों द्वारा गठित की गई कमेटी और प्रशासन की कमेटी के बीच तीसरे दौर की वार्ता शाम चार बजे शुरू हुई। करीब तीन घंटे वार्ता चली। दो दौर की वार्ता हुई, लेकिन सोमवार को कोई नतीजा नहीं निकला। कमेटी के सदस्यों ने वार्ता के बाद मीडिया को बताया कि हमने अपनी सभी मांगें कमेटी के सामने रखीं।
सरकार की कमेटी मांगों को लेकर टालमटोल का रवैया अपना रही है। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि 13 जुलाई को होने वाली महापंचायत में बड़ा फैसला लिया जाएगा। इस मौके पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी, शमशेर खेदड़, कलीराम, सतेंद्र सहारण, शमशेर नंबरदार, सरदानंद राजली, कुलदीप खरड़, सूबेसिंह आर्य, विकास सीसर, धर्मपाल बड़ाला, जोगिंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।
काला पटका बांध पहुंचे छत्रपाल, बोले-लठ लेकर आगे चलने से इस्तीफे को हैं तैयार
गांव खेदड़ की गोशाला संघर्ष समिति के सदस्य, ग्रामीण, आस पास के क्षेत्र से खाप प्रतिनिधि, किसान नेता लगातार 88वें दिन भी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे। सोमवार को पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता प्रो. छत्रपाल सिंह सिर पर काले रंग का पटका बांधकर धरनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि 8 जुलाई की इस घटना से वे काफी आहत हैं। खेदड़ गांव के लोग उन्हें जो आदेश देंगे वह उसकी हर हाल में पालना करेंगे। चाहे वह इस्तीफा देने की बात हो या लठ लेकर आगे चलने की। मेरा एक भी कदम पीछे नहीं हटेगा।
कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा सरकार वादे तो कर लेती है लेकिन उन्हें पूरा नहीं करती। ऐसी सरकार पर विश्वास कैसे करें। किसी भी परिवार के लिए यह कितनी दुख की बात होती है कि वह अपने परिवार के सदस्य का अंतिम संस्कार न कर सकें। मौजूदा सरकार मामले में पूरी तरह से कसूरवार है।
Next Story