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महामारी के चलते ऑफलाइन माध्यम से प्रशिक्षण आयोजित कराना संभव नहीं है
कोरोना महामारी के चलते और किसानों (Farmers) की सुविधा को देखते हुए हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU) ने अब वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से खेती-किसानी की ट्रेनिंग करवाने का फैसला लिया है. यह ट्रेनिंग मुफ्त होगी. इसके लिए एचएयू के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षण संस्थान में एक वीडियो कांफ्रेंसिंग हाल को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कांबोज ने बताया कि संस्थान की ओर से किसानों, युवाओं, महिलाओं मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, फसलों के वैल्यू एडिशन, डेयरी फार्मिंग (Dairy Farming), बागवानी, केंचुआ खाद प्रोडक्शन एवं सब्जियों के उत्पादन की ट्रेनिंग करवाई जाती है.
महामारी के चलते ऑफलाइन माध्यम से प्रशिक्षण आयोजित कराना संभव नहीं है. ऐसे में किसानों को अब घर बैठे ही इस प्रकार की ट्रेनिंग दी जाएगी. कुलपति ने बताया कि अब ऑनलाइन ही उन्हें विभिन्न फसलों की उन्नत किस्मों व आधुनिक कृषि तकनीकों से आसानी से अवगत कराया जाएगा. इस संस्थान में लगातार इस तरह की ट्रेनिंग आयोजित की जाती रही है, ताकि बेरोजगार युवक-युवतियों को स्वरोजगार स्थापित करने के अवसर मिल सकें. संस्थान के सह निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. अशोक कुमार गोदारा ने बताया इस कांफ्रेंस हाल में विशेषज्ञों का पैनल एक साथ प्रतिभागियों को ट्रेनिंग दे पाएगा.
कृषि विज्ञान केंद्रों के विशेषज्ञ भी जुड़ेंगे
खेती-किसानी की ट्रेनिंग (Farming Training) के दौरान कांफ्रेंस के माध्यम से जुड़कर किसान विशेषज्ञों से विचार-विमर्श करेंगे. कृषि विज्ञान केंद्रों के विशेषज्ञ व किसान भी सीधे तौर पर ऑनलाइन माध्यम से जुड़ पाएंगे. इसके अलावा किसान प्रशिक्षण के समय ऑनलाइन माध्यम से अपने खेत की समस्याओं को भी वीडियो कॉल के माध्यम से विशेषज्ञों को दिखाकर समाधान हासिल कर सकेंगे. इस हॉल से न केवल प्रदेश बल्कि देशभर के किसानों को इसका फायदा होगा. इस संस्थान में देशभर से किसानों को ट्रेनिंग दी जाती है. समय-समय विभिन्न प्रदेशों के किसानों के दल भी यहां ट्रेनिंग हासिल करने व यहां की आधुनिक तकनीकों की जानकारी लेने के लिए आते रहते हैं.
कोरोना काल में किसानों को सुविधा
पिछले साल यहां पर कई राज्यों के किसानों और युवाओं को मशरूम उत्पादन (Mushroom Production) की ट्रेनिंग दी गई. समय-समय पर विभिन्न फसलों में लगने वाले रोगों से बचाव की यहां के कृषि वैज्ञानिकों ने जानकारी दी. कोरोना काल में भी किसानों को यह सुविधा ऑनलाइन माध्यम से देने की कोशिश की जा रही है. इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. सुरेंद्र कुमार मेहता, ओएसडी डॉ. अतुल ढींगड़ा, विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. बलवान सिंह एवं इससे संबंधित सभी महाविद्यालयों के प्रतिनिधि मौजूद रहे.
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