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बिजली निगम की 24 टीमों ने शुक्रवार की रात विशेष अभियान चलाया। इसके तहत छापामारी कर 1243 कनेक्शनों की जांच की गई और बिजली चोरी के 193 मामले पकड़े गए। धरे गए उपभोक्ताओं पर टीम ने 42.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
निगम के अधिकारियों ने पुलिस टीम के साथ जिले के सभी 12 उपमंडलों में छापामारी अभियान चलाया। इस दौरान कई जगहों पर घरों में बिजली का लोड अधिक मिला, जबकि कागजों में कनेक्शन का लोड कम था। वहीं, मीटर से बाईपास कर चोरी करने की घटनाएं सबसे ज्यादा सामने आईं। बिजली चोरी पकड़ने वाली टीम ने मौके पर वीडियोग्राफी भी करवाई। इसके बाद लोगों पर जुर्माना लगाया। दरअसल, जिले में कुल 184 फीडर हैं। इससे चार विधानसभा क्षेत्रों के शहरी इलाकों सहित करीब 292 गांवों में बिजली की आपूर्ति की जाती है। जिले में एक सर्किल कार्यालय, तीन डिविजन और सात सब डिवीजन हैं, जहां से अलग-अलग क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति की जाती है। बिजली निगम के कार्यकारी अभियंता मुनीष दलाल ने बताया कि बिजली चोरी पकड़ने के लिए शुक्रवार को विशेष अभियान चलाया गया, जिसमें 24 टीमों ने 1243 कनेक्शनों की जांच की। इसमें कुल 193 जगहों पर चोरी पकड़ी गई है। साथ ही 42.40 लाख रुपये का जुर्माना किया गया है। एसडीओ, जेई, लाइनमैन के अलावा पुलिस कर्मचारी भी छापामार कार्रवाई में शामिल रहे। उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
औद्योगिक, व्यावसायिक और घरेलू कनेक्शनों को जांचा-
जांच टीमों की ओर से शहर, गांव के औद्योगिक, व्यावसायिक और घरेलू कनेक्शनों को जांचा गया। ग्रामीण क्षेत्रों के घरेलू और औद्योगिक कनेक्शनों में ज्यादा चोरी हो रही थी। लोगों ने एसी, कूलर और पंखों को मीटर से अलग बाईपास बिजली तार से चलाया हुआ था।
तीन महीने में एक करोड़ 56 लाख की बिजली चोरी पकड़ी
लाइन लास को कम करने के लिए पिछले तीन महीनों में कई बार टीम अभियान चला चुकी है। तीन महीने में 882 जगहों पर बिजली चोरी मिल चुकी है। एक करोड़ 56 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जा चुका है। मार्च का महीना शुरू होते ही बिजली यूनिट की खपत बढ़ जाती है। लाइन लास का खतरा बढ़ जाता है। बिजली निगम को लाइन लास से हर महीने लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा।
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