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गुरुग्राम: जेई ने धमकी देकर मांगे थे एक लाख रुपये, नगर निगम के कर्मचारी को रिश्वत लेते हुए लोगो ने पकड़ा
Gulabi Jagat
7 May 2022 4:14 PM GMT
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साइबरसिटी गुरूग्राम में नगर निगम के एक जेई और उसकी टीम पर रिश्वत लेने का आरोप लगा है
गुरुग्राम: साइबरसिटी गुरूग्राम में नगर निगम के एक जेई और उसकी टीम पर रिश्वत लेने का आरोप लगा है. आरोप है कि जेई और उसकी टीम ने देवीलाल कॉलोनी में एक निर्माणाधीन इमारत को तोड़ने की धमकी देते हुए एक लाख रुपये की रिश्वत की मांग की है. फिलहाल पुलिस ने जेई, कर्मचारी हितेश समेत अन्य के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है.
मिली जानकारी के मुताबिक बीते शुक्रवार को जेई और उसकी टीम गुरुग्राम के देवीलाल कॉलोनी में पहुंची. जहां उन्होंने एक निर्माणाधीन इमारत को अवैध बताते हुए नोटिस जारी करने और इमारत पर बुलडोजर चलाकर ध्वस्त करने की धमकी दी. इसके बाद कार्रवाई ना करने की एवज में एक लाख रुपये की मांग की गई.
नगर निगम के कर्मचारी को रिश्वत लेते हुए लोगो ने पकड़ा, जेई ने धमकी देकर मांगे थे एक लाख रुपयेइसके बाद इस मकान के मालिक द्वारा कहा गया कि 20 या 30 हजार रुपये ले लो लेकिन मकान मत तोड़ो. इस पर जेई और उसकी टीम नही मानी और एक लाख की मांग करने लगी. वहीं मकान टूटने के डर से मकान मालिक हरीश ने नगर निगम टीम के कर्मचारी हितेश को 50 हजार रुपये दे दिए लेकिन भ्रष्ट जेई और उसकी टीम का पेट इतने में नहीं भरा.
बीते शुक्रवार को नगर निगम के कर्मचारी दोबारा मौके पर पहुंचकर 50 हजार रुपये की मांग करने लगे. जिसके बाद स्थानीय निवासियों ने नगर निगम के ड्राइवर समेत रिश्वतखोर कर्मचारी को मौके पर दबोच लिया और पुलिस के हवाले कर दिया. मीडिया से बातचीत करते हुए निगम कर्मचारी हितेश ने कबूल किया कि जेई की मौजूदगी में उसने 50 हज़ार रुपये की रिश्वत ली थी. आज भी वह जेई के ही कहने पर 50 हजार रुपये और लेने आया था. हालांकि 50 हजार में किस- किस का हिस्सा था यह सवाल पूछने पर हितेश ने साफ कहा कि यह जेई बता पाएंगे.
आरडब्ल्यूए प्रधान प्रह्लाद की मानें तो पूरे देवीलाल कॉलोनी में आए दिन निगम के कर्मचारी अवैध वसूली करते हैं. इसको लेकर कई बार शिकायत भी दी जा चुकी है लेकिन उसके बावजूद नगर निगम कर्मचारी इस तरह की घटना को अंजाम दे रहे हैं. बता दें कि यह कोई पहला मामला नहीं है जब निगम कर्मचारियों पर रिश्वत लेने के आरोप लगे हों. इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं लेकिन उसके बावजूद अधिकारियों का डर कर्मचारियों पर देखने को नहीं मिलता है. बहरहाल गुरुग्राम पुलिस ने शिकायत के बाद बयान दर्ज किए और नगर निगम के जेई सुमित चहल, कर्मचारी हितेश समेत अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 34 और प्रीवेंशन आफ करप्शन एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है.
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Gulabi Jagat
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