हरियाणा

पिराई सीजन के लिए सरकार की तैयारी, चीनी मिलों के लिए लुब्रिकेंट व कास्टिक सोडा खरीदने की दी स्वीकृति

Shantanu Roy
19 Oct 2022 6:24 PM GMT
पिराई सीजन के लिए सरकार की तैयारी, चीनी मिलों के लिए लुब्रिकेंट व कास्टिक सोडा खरीदने की दी स्वीकृति
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चंडीगढ़। आगामी पिराई सीजन शुरू होने से पहले सहकारी चीनी मिलों में गन्ने की पिराई को लेकर की जा रही तैयारियों के संबंध में हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल और सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में चीनी मिलों के लिए लुब्रिकेंट, कास्टिक सोडा व अन्य सामग्री खरीदने की प्रक्रिया भी पूरी की गई। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल और सहकरिता मंत्री डा. बनवारी लाल की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में चीनी मिलों के लिए लगभग 4.47 करोड़ रुपए की लागत से कई प्रकार की सामग्री की खरीद को लेकर विस्तार से समीक्षा की और लगभग 2 करोड़ 84 लाख रुपए की लागत से लुब्रीकेंट व 1.63 करोड़ रुपए की लागत से कास्टिक सोडा आदि खरीदने की स्वीकृति प्रदान की गई। बैठक में किसान हित में चीनी मिलों को गत वर्ष की अपेक्षा पहले चलाने का भी निर्णय लिया गया। इसके अलावा मोलासिस पर आधारित बी हेवी सिस्टम से इथेनॉल प्रोजेक्ट लगाने को लेकर भी सहमति जताई गई।
पानीपत की चीनी मिल में बी हेवी सिस्टम से एथेनॉल प्लांट लगाया जाएगा। बी हेवी सिस्टम से बनाए जाने वाले एथेनॉल की क्वालिटी अच्छी होती है और बाजार में इसके अच्छे भाव भी मिलेंगे। भविष्य में एथेनॉल की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। इस प्रकार एथनॉल प्लांट चीनी मिलों को घाटे से उबारने में बहुत ही कारगर साबित होंगे। मंत्री दलाल ने बताया कि बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि ग्राम स्तर पर दूध की सोसायटियों का गठन किया जाए ताकि लोग अधिक से अधिक दूध की बिक्री कर सकें। सहकारिता के क्षेत्र में दूध की सोसायटी का गठन करना एक क्रांतिकारी कदम है। इन सोसायटियों से अधिक से अधिक युवाओं एवं महिलाओं को जोड़ा जाए ताकि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाया जा सके। इनमें दूध से दही, लस्सी, पनीर, चीज, पिन्नी, घी आदि अन्य खाद्य सामग्री बनाने पर अधिक बल दिया जाएगा। बैठक में चीनी मिलों में निकलने वाले मेलासिस के भी स्टेण्डर्ड निर्धारित करने व रेवाड़ी में लगाए जाने वाले मिल्क प्लांट को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गई। इसके अलावा एग्रो मॉल, सांझा तैयारी, ग्राम स्तर पर मिल्क सोसायटी का गठन करने, मिनी डेरी, एक्सपर्ट हाउस खोलने को लेकर भी विस्तार से चर्चा हुई।
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