सरकारी विभाग पर बिजली निगम के साढ़े 3 करोड़ के बिलों पर बकाया का आरोप
फतेहाबाद न्यूज़: फतेहाबाद के अधिकांश सरकारी विभाग विद्युत निगम की करीब साढ़े 3 करोड़ रुपये की राशि पर कुंडली मारे बैठे हैं। बिजली उपभोग करने के बावजूद मुख्य रूप से 7 विभाग निगम को इसका बिल अदा नहीं कर रहे। इनमें मुख्य रूप से जनस्वास्थ्य विभाग है, जिसने विद्युत निगम को करीब 2 करोड़ 64 लाख का बिजली बिल भरना बकाया है। इसके अलावा अन्य कई ऐसे विभाग है, जिनके निगम की ओर करीब एक करोड़ के बिजली बिल बकाया है। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के फतेहाबाद डिवीजन से मिली जानकारी के अनुसार पब्लिक हेल्थ विभाग ने फतेहाबाद शहर से 19 लाख 9 हजार, अर्द्ध शहरी फतेहाबाद से करीब 80 लाख, रतिया शहर से 86 लाख, रतिया अर्द्धशहरी से 52 लाख, बड़ोपल से 27 लाख का बिल निगम को अदा करना है। इसके अलावा पुलिस विभाग ने करीब डेढ़ लाख, शिक्षा विभाग ने 2 लाख, बीएसएनएल ने 20 हजार, सिंचाई विभाग ने 73 हजार व नगरपरिषद फतेहाबाद ने 9 लाख 26 हजार रुपये के बिजली बिल निगम को अदा करने हैं। इसके अलावा करीब 57 हजार घरेलू उपभोक्ताओं की तरफ बिजली निगम की करोड़ों राशि बकाया है। निगम के अधिकारियों का कहना है कि पब्लिक हैल्थ विभाग शहरों व गांवों में जलघर के माध्यम से पेयजल आपूर्ति करती है जिसमें बड़ी मोटरों का प्रयोग किया जाता है। इन मोटरों का बिल ज्यादा आता है। शहर में मुख्य जलघर का लोड सर्वाधिक है। डिवीजन के फतेहाबाद शहर, रतिया, भट्टू में अनेक कृषि उद्योग, पाईप उद्योग व अन्य फैक्ट्रियां भी चल रही हैं, जिनमें से काफी औद्योगिक इकाईयों के बिल भी समय पर नहीं भरे जा रहे। घरेलू उपभोक्ता भी बकाया बिजली बिल भरने की तरफ ध्यान नहीं दे रहे। इनमें से 57 हजार उपभोक्ता डिफाल्टर हैं। इनमें करीब 30 हजार डिफाल्टर उपभोक्ताओं को निगम द्वारा नोटिस जारी किए जा चुके हैं। नोटिसों का जवाब न देने व बिजली बिल न भरने वाले उपभोक्ताओं के खिलाफ कार्यवाही करते हुए समय-समय पर उनके कनैक्शन काटे जा रहे हैं। सरकार के निर्देशानुसार बिजली निगम एक विशेष अभियान चलाकर बकाया बिजली बिलों की वसूली की जाती है।
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम फतेहाबाद के कार्यकारी अभियंता संदीप मेहता ने बताया कि उद्योगों व घरेलू उपभोक्ताओं की तरफ करीब साढ़े 3 करोड़ रुपये की राशि बकाया है। बिजली निगम समय-समय पर अभियान चलाकर इनसे वसूली करता है। बिजली बिलों की अदायगी न करने वाले उपभोक्ताओं पर आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।