हरियाणा

गुरुग्राम की 150 अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के लिए सरकार ने पॉलिसी में किया संशोधन

Kunti Dhruw
20 Feb 2022 7:54 AM GMT
गुरुग्राम की 150 अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के लिए सरकार ने पॉलिसी में किया संशोधन
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हरियाणा में शहरी स्थानीय निकाय विभाग (यूएलबी) ने प्रदेशभर की अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के लिए पॉलिसी में संशोधन किया गया है।

हरियाणा में शहरी स्थानीय निकाय विभाग (यूएलबी) ने प्रदेशभर की अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के लिए पॉलिसी में संशोधन किया गया है। संशोधित पॉलिसी के बाद गुरुग्राम की 150 से ज्यादा अवैध कॉलोनियां नियमित होने के दायरे में आ जाएंगी। इन कॉलोनियों के नियमित होने से इनमें रह रहे लाखों लोगों को बिजली कनेक्शन, मकानों का मालिकाना हक के साथ-साथ मूलभूत सुविधाएं भी मिल सकेंगी। इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को अब घर छिनने का डर भी नहीं रहेगा। संशोधित पॉलिसी में 14 फरवरी 2022 से पहले से विकसित अवैध कॉलोनियों को शामिल किया गया है। इसके बाद जो कॉलोनी विकसित होंगी उस पर यह संशोधित पॉलिसी लागू नहीं होगी। विभाग की तरफ से अंडर सेक्शन 3 एक्ट 2016 के तहत इस पॉलिसी को संशोधित किया है। इस पॉलिसी में सभी तरह की कॉलोनियों को शामिल किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि शहर में बीते दो दशकों में 150 से ज्यादा अवैध कॉलोनियां विकसित हो चुकी हैं। इन कॉलोनियों में लाखों की संख्या में लोग रह रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों की तमाम कवायद के बाद भी अवैध कॉलोनियों के विकसित होने का कारोबार अभी भी धड़ल्ले से जारी है। भू-माफियाओं की राजस्व विभाग में भी साठगांठ होने के कारण अवैध कॉलोनियों में भी रजिस्ट्री करने का खेल जारी है।

कॉलोनियों के लिए तय किए गए मापदंड
अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के लिए मापदंड भी तय किए गए हैं। कॉलोनी में सड़के चौड़ी, पार्क सुविधाओं के लिए जगह, जल घर और सामुदायिक भवन की व्यवस्था होनी चाहिए। वहीं कॉलोनी में बने भूखंडों का सही तरीके से सीमांकन होना चाहिए।
इसके अलावा ट्यूबवेल के लिए 100 वर्ग मीटर जगह, 10 एकड़ तक 150 वर्ग मीटर, 10 से 15 एकड़ में 200 वर्ग मीटर, 15 से 25 एकड़ 300 वर्ग मीटर, 25 एकड़ से ऊपर 500 वर्ग मीटर आदि। इन विकसित कॉलोनियों में गली छह मीटर से कम नहीं होनी चाहिए, इसमें अपरोच रोड के लिए कोई नियम नहीं है। व्यवसायिक गतिविधि के लिए 2 फीसदी आरक्षित जगह होनी चाहिए। 75 से 100 फीसदी विकसित कॉलोनी में सड़क को चौड़ा करने, पार्क सुविधाओं के लिए जगह, जल घर और सामुदायिक भवन आदि के लिए अवैध कॉलोनी में भूखंडों का सीमांकन किया जाएगा। ट्यूबवेल के लिए 100 वर्ग मीटर जगह, 10 एकड़ तक 150 वर्ग मीटर, 10 से 15 एकड़ में 200 वर्ग मीटर, 15 से 25 एकड़ 300 वर्ग मीटर, 25 एकड़ से ऊपर 500 वर्ग मीटर आदि। आरडब्ल्यूए के पास फायर एनओसी होनी चाहिए। अधिकारियों का कहना है कि कॉलोनी को नियमित कराने के लिए उपरोक्त मापदंड पूरे होना जरूरी है, तभी वह नगर निगम में आवेदन करने के पात्र होंगे।
पार्क और सामुदायिक भवन की हो जगहसंशोधित पॉलिसी के अनुसार, 25 से 50 फीसदी विकसित कॉलोनी के खाली प्लॉट में पार्क, सामुदायिक भवन, गली, जलघर के लिए सीमांकन होना चाहिए। विकसित कॉलोनी में निर्मित भवन जैसे हैं वैसे ही रहेंगे। विकसित कॉलोनी में करीब 35 फीसदी हिस्सा रोड, गली, पार्क आदि के लिए खाली होना चाहिए। कॉलोनी के रोड नौ मीटर से कम नहीं होने चाहिए, जबकि अपरोच रोड 12 मीटर से कम नहीं होने चाहिए। 5 फीसदी जमीन पर पार्क के लिए जमीन खाली होनी चाहिए और 4 फीसदी जगह व्यवसायिक गतिविधि के लिए जमीन आरक्षित होनी चाहिए।

नगर निगम की तरफ से किया जाएगा सर्वे

शहर में करीब 60 अवैध कॉलोनियों ने नियमित होने के लिए निगम के पास आवेदन किया हुआ है। इन आवेदनों के तहत नगर निगम की तरफ से अब इन अवैध कॉलोनियों की संशोधित पॉलिसी के अनुसार सर्वे किया जाएगा। पॉलिसी के मापदंडों को पूरा करने वालीं कॉलोनियों की सूची तैयार कर निगम सरकार के पास नियमित करने के लिए भेजेगा। इसके अलावा अन्य कॉलोनियां भी जो संशोधित पॉलिसी के मापदंड पूरे करती हैं वह भी निगम में नियमित के लिए आवेदन कर सकते हैं।

सबसे ज्यादा इन गांव में बसी हैं अवैध कॉलोनी

गांव कॉलोनी

चौमा 13

नाहरपुर रूपा 4

सराय अलावर्दी 5

बसई 7

कादिपुर 6

खांडसा 3

पावला खुर्सरपुर 3

भोंडसी 9

झाड़सा 3

''अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के लिए विभाग ने पॉलिसी में संशोधन किया है। अब पॉलिसी को आसान किया गया है, जिससे शहर के कई कॉलोनी के लोगों को इसका फायदा मिलेगा। अगर लोग अब भी कॉलोनियों को नियमित नहीं करवाते हैं और विकास शुल्क निगम में जमा नहीं करवाते हैं तो आगे सख्त कार्रवाई की जाएगी।'' -मधुस्मिता मोईतरा, मुख्यनगर योजनाकार, नगर निगम, गुरुग्राम

''कॉलोनी को नियमित करवाने के लिए लगातार निगम के पास आवेदन किए गए हैं, लेकिन पॉलिसी में नियम सख्त होने के कारण कॉलोनी नियमित नहीं हो रही थी, अब पॉलिसी में बदलाव कर नियमों को आसान कर दिया है। अब नियमित होने की पूरी उम्मीद है। इससे लोगों को काफी फायदा मिलेगा। कई पर समस्या के लिए अधिकारी के पास जाते थे तो कह दिया जाता था कॉलोनी वैध नहीं है।'' -धीरज सिंह, पालम विहार फेस-2

''काफी समय से अवैध कॉलोनी में रह रहे हैं अगर अब सरकार ने पॉलिसी में बदलाव कर इसे आसान कर दिया है। पॉलिसी के अनुसार अगर अब हमारी कॉलोनी नियमित होगी तो हमें भी मूलभूत सुविधाओं के साथ घर का मालिकाना हक मिलेगा। सरकार का यह फैसला वाकई हम सभी कॉलोनी के लोगों के लिए राहत देने वाला है। अब हम भी पूरे हक के साथ रहेंगे।'' -रामसिंह, गुप्ता कॉलोनी निवासी


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