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तहसीलदार कराते हैं ठेका अलॉट
यमुनानगर : जिला यमुनानगर में ऐसी तीन जगहें हैं जहां से सोना निकलता है और इस सोने की बकायदा ऑक्शन भी कराई जाती (Som river auction in Yamunanagar) है. बता दें कि यमुनानगर जिले के छछरौली, बिलासपुर, साढ़ौरा इलाके में सोम नदी से सोना निकलता (gold river in yamunanagar) है. इस सोने के लिए संबंधित इलाकों के तहसीलदार बकायदा एक महीने पहले ठेका देने की मुनादी करवाते हैं.
इसके बाद ओपन ऑक्शन होती है, जिसमें सबसे अधिक बोली देने वाले को ठेका अलॉट किया जाता है. यह ठेका जुलाई से जुलाई तक यानि पूरे एक साल तक के लिए दिया जाता है. यमुनानगर के बिलासपुर को ठेका इस बार 1 लाख 80,000 में दिया गया है. जबकि साढ़ौरा इलाके में यह ठेका 6100 रूपए में अलाट किया गया है. छछरौली में पिछले 12 साल से कोई ठेकेदार सामने नहीं आया, इसलिए वहां का ठेका फिलहाल नहीं दिया जा रहा.
सर्वाधिक बोली लगाने वाले लेते हैं ठेका: जिला राजस्व अधिकारी रामफल कटारिया ने बताया कि 1995 से लगातार इन इलाकों के लिए ठेका दिया जा रहा है, जो संबंधित इलाकों के तहसीलदार विधिवत रुप से ऑक्शन में ठेका अलॉट करते हैं. पिछले साल यह ठेका 2 लाख 90,000 रुपए में दिया गया था. इस बार किसी नए ठेकेदार ने ऑक्शन में सर्वाधिक बोली देकर यह ठेका लिया है. उससे पहले 1 लाख 43,000 और 1 लाख 47,000 में ठेका दिया गया था.
मैनुअल तरीके से होती है रेत की सफाई: पहाड़ी इलाकों में होने वाली बारिश का पानी सोम नदी में आता है और पहाड़ी इलाकों में कई तरह के खनिज पाए जाते हैं. माना जाता है कि पहाड़ी इलाकों में हुई बरसात के बाद सोने के कण बहकर सोम नदी में आते हैं. सोना निकालने का कार्य करने वाले अब कुछ ही परिवार बचे हैं, जिन्हें सोना निकालने की विधि आती है. लोग मैनुअल तरीके से रेत को इकट्ठा करके उसे पानी से लगातार साफ करते हैं. जिसके बाद सोने के कण अलग नजर आने शुरु हो जाते हैं. ठेकेदार इन लोगों को दिहाड़ी पर रखता है और जो भी सोने के कण निकलते हैं वह उसे ले जाकर मार्केट में बेचते हैं. सोम नदी से सोना निकालने वाले इन लोगों का कहना है कि जो भी सोना निकलता है उसे ठेकेदार के हवाले कर दिया जाता है.
Gulabi Jagat
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