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गुडग़ांव। साइबर सिटी के गांव मैदावास में शनिवार की सांय टेंट गोदाम में लगी भीषण आग में लाखों का सामान जलकर खाक हो गया। सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ी मौके पर पहुंची, लेकिन जब तक गोदाम में रखा सामान जलकर राख हो गया। आग लगने का प्रारंभिक कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है।
सैक्टर-49 के मैदाबास में टैंट का गोदाम है। गोदाम का मालिक शनिवार की सांय गोदाम बंद करके घर जा रहा था। इसी दौरान अचानक गोदाम में आग लग गई। मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने अपने स्तर पर आग पर काबू पाने की कौशिश की, लेकिन आग ने देखते ही देखते प्रचंड रुप ले लिया। कुछ ही देर ने आग ने पूरे गोदाम को अपने आगोश में ले लिया। दमकल विभाग को आग की सूचना दी गई। लेकिन जब दमकल विभाग की गाडिय़ां मौके पर पहुंची। गोदाम में रखा सामान जलकर खाक हो गया। समाचार लिखे जाने तक दमकल कर्मी मौके पर ही आग बुझाने की मशक्कत में जुटे हुए थे। अंसल एसेंसिया आरडब्ल्यूए प्रधान धर्मेंद्र तंवर का कहना है कि अगर दमकल की गाड़ी पास ही होती तो इस गोदाम के सामान को बचाया जा सकता था। यह कोई पहला हादसा नहीं है जब दमकल की गाड़ी आग बुझाने के लिए देरी से पहुंची हो। आग लगने के बाद दमकल की गाड़ी को आधा घंटा मौके पर पहुंचने में लगता है। इसके लिए प्रशासन को कई बार पत्राचार किया जा चुका है कि दमकल की गाड़ी को बादशाहपुर व आसपास के क्षेत्र में तैनात किया जाए व एक दमकल केंद्र यहां बनाया जाए ताकि समय रहते आग पर काबू पा लिया जाए, लेकिन न केवल जिला उपायुक्त बल्कि दमकल विभाग के अधिकारियों व नगर निगम कमिश्नर को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। आग लगने के कारण हर बार लाखों रुपए का नुकसान होता है, लेकिन प्रशासन को इससे कोई लेना देना नहीं है। पिछले 15 दिनों में यह बादशाहपुर के आसपास होने वाली तीसरी बड़ी घटना है। इससे पहले सेक्टर-49 के गांव घासौला में दो बार आग लग चुकी है जिसमें 300 से ज्यादा परिवार बेघर हो चुके हैं। हर बार दमकल की गाड़ी देरी से पहुंचने के कारण आग पर काबू पाना मुश्किल हो जाता है, लेकिन प्रशासन इसकी तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
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