हरियाणा

चहेते की 3 दिन में हो गई पेमेंट, 62 ठेकेदार चक्कर लगाते रहे

Admin4
21 July 2022 1:02 PM GMT
चहेते की 3 दिन में हो गई पेमेंट, 62 ठेकेदार चक्कर लगाते रहे
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फरीदाबाद: बिना काम पेमेंट घोटाले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। पता चला है कि गलत एन्हांसमेंट की 32 करोड़ रुपये की पेमेंट 3 दिन में कर दी गई थी। यह सब उसी दौरान हुआ, जब 62 ठेकेदार अपने भुगतान के लिए आंदोलन कर रहे थे। पेमेंट के लिए उन्हें कोर्ट तक जाना पड़ा था। इसके बाद राहत तो मिली, लेकिन पूरी तरह नहीं। आज भी ठेकेदारों के करीब 4 करोड़ रुपये बकाया हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। निगम सूत्रों से मिले दस्तावेज को आधार बनाया जाए तो 2019 में एक तरफ सतबीर ठेकेदार को 32 करोड़ की पेमेंट 3 दिन के अंदर ही कर दी गई। इसी साल नगर निगम ठेकेदार वेलफेयर असोसिएशन के 62 ठेकेदार 66 करोड़ की पेमेंट को लेकर निगम कार्यालय के चक्कर लगा रहे थे। पेमेंट के लिए उन्हें दो बार कोर्ट जाना पड़ा। अब सवाल खड़े हो रहे हैं कि जनरल फंड में इतनी पेमेंट नहीं थी कि निगम ठेकेदारों को बकाया पेमेंट दिया जा सके तो सतबीर ठेकेदार को इतनी बड़ी रकम कैसे रिलीज कर दी गई। ये सभी पेमेंट एन्हांसमेंट से जुड़ी हुई थी।

आरोप है कि उस समय एक आईएएस ने पेमेंट रिलीज की थी, जबकि उस समय खुद निगम के आला अधिकारी जनरल फंड में पैसा न होने की बात कहा करते थे। नगर निगम में बिना काम पेमेंट घोटाले की अभी जांच चल रही है। शिकायतकर्ता पार्षद दीपक चौधरी, दीपक यादव, महेंद्र सरपंच, कपिल डागर, सुरेंद्र अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि कुछ वॉर्ड में विकास कार्य हुए ही नहीं और ठेकेदार को करोड़ों की पेमेंट कर दी गई थी। स्टेट विजिलेंस ने जांच की और चीफ इंजीनियर डीआर भास्कर, रमन शर्मा समेत ठेकेदार सतबीर और जेई दीपक को गिरफ्तार कर लिया। इस वक्त रमन शर्मा और जेई दीपक को जमानत मिल चुकी है। एक केस में सतबीर और डीआर भास्कर को भी जमानत मिल चुकी है। लेकिन इस घोटाले की अहम कड़ी आईएएस भी है।

दायर किया था कोर्ट की अवमानना का केस

घोटाले में मुख्य आरोपी सतबीर ठेकेदार को पेमेंट रिलीज करने के अलावा गलत एन्हांसमेंट करके भी पेमेंट रिलीज की गई है, जबकि नगर निगम के 62 ठेकेदार उस समय अपनी बकाया पेमेंट को लेकर नगर निगम के चक्कर काटते रहे पर उन्हें पेमेंट नहीं मिली। नगर निगम ठेकेदार वेलफेयर असोसिएशन के प्रधान गिरिराज ने बताया कि 2018 से 2020 तक कुल 66 करोड़ की पेमेंट ठेकेदारों की बकाया थी। कई बार निगम कमिश्नर के चक्कर लगाए। 2019 में भी निगम अधिकारियों से ठेकेदार मिले पर बात नहीं बनी।

गिरिराज ने बताया कि सभी ठेकेदारों ने 17 जनवरी 2021 को कोर्ट का सहारा लिया। कोर्ट ने 10 फरवरी 2021 को फैसला सुनाया कि 6 हफ्ते के अंदर सभी ठेकेदारों की पेमेंट की जाए, लेकिन नगर निगम ने पेमेंट नहीं की। इसके बाद ठेकेदारों ने कोर्ट की अवमानना का केस दायर किया। 18 मई 2021 को कोर्ट ने फिर सारी बकाया पेमेंट रिलीज करने के लिए कहा, जिसके बाद नगर निगम ने सभी ठेकदारों की बकाया पेमेंट कर दी, लेकिन अभी 4 करोड़ की पेमेंट बकाया है, जो नगर निगम नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि नगर निगम ने वैसे इसके लिए चेक बना दिए हैं, लेकिन पेमेंट कब होगी, इसका कुछ नहीं पता है।

बजट बढ़ाया, काम फिर भी नहीं हुए

नगर निगम में या किसी भी विभाग में किसी कार्य की कोई फाइल बनती है तो सबसे पहले उसका एस्टिमेट बनाया जाता है। एस्टिमेट में उस काम का बजट निर्धारित होता है। बाद में ऐसा लगता है कि वह काम निर्धारित बजट से ज्यादा का होगा तो उस फाइल को एन्हांसमेंट करना होता है। एन्हांसमेंट के लिए नगर निगम कमिश्नर या सरकार से अनुमति जरूरी होती है। उदाहरण के तौर पर नगर निगम में जो बिना काम करोड़ों का घोटाला हुआ है, उसमें 4 लाख की फाइलों का बजट बढ़कर 99 लाख कर दिया गया। इसके बाद दूसरी बार फिर से बजट बढ़ाकर 1 करोड़ 98 लाख कर दिया गया। बड़ी बात यह रही कि कई जगह बजट तो बढ़ाया गया, लेकिन काम हुआ ही नहीं।

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