किसान बरसात के आते ही खरीफ की बिजाई के लिए जुताई में जुटे
हरयाणा न्यूज़: प्री मानसून की पिछले दो दिनों में हुई बरसात से आमजन को जहां भीषण गर्मी एवं उमस से राहत मिली है, वहीं इससे किसानों की बांछे भी खिल गई हैं। कृषि विभाग ने खरीफ फसल के लए 1.25 लाख हेक्टेयर में बिजाई का लक्ष्य रखा है और किसान भी खरीफ की बिजाई के लिए जुताई में जुट गए हैं। किसानों ने खेतों में हल चलाना शुरू कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि इस बार क्षेत्र में भीषण गर्मी पड़ी है और बरसात हुए लंबा अरसा बीत गया है। लोग भीषण गर्मी एवं उमस से भारी परेशान थे, लेकिन इसी बीच दो दिनों में हुई कभी जोरदार तो कभी रिमझिम बरसात से आमजन को बड़ी राहत मिली है। इस बरसात ने किसानों के चेहरों पर खुशी ला दी है और उन्हें निरंतर भीषण गर्मी पड़ने से सूखा की सता रही चिंता दूर हो गई है। इस बरसात के चलते ही किसानों ने खेतों में हल चलाने शुरू कर दिए हैं। किसान समय पर खेतों की जुताई करके बिजाई करने में जुट गए हैं। खरीफ फसल इलाके में मूलत: बरसात पर निर्भर करती है और इससे पशुपालकों के लिए ज्यादा लाभदायक मानी जाती है, क्योंकि खरीफ के दौरान किसान बाजरा एवं ग्वार की फसलें अधिक लेते हैं। हालांकि अब सरकार बाजरा की बजाए मूंग पर जोर देने लगी है।
कृषि विभाग का लक्ष्य: इस बार कृषि विभाग ने बाजरा 1.10 लाख हेक्टेयर, मक्का 500 हेक्टेयर, दलहन जैसे मूंग आदि 100 हेक्टेयर, मूंगफली 400 हेक्टेयर, मक्का 500 हेक्टेयर तथा कपास 15 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य रखा है। इस प्रकार करीब 1.25 लाख हेक्टेयर में खरीफ की बिजाई होने का अनुमान है। ग्वार की फसल किसान अपनी मर्जी से करते हैं, जो कृषि विभाग के लक्ष्य में शामिल नहीं है।
देसी कपास को बढ़ावा दे रही सरकार: कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से जिला में देसी कपास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किसानों को तीन हजार रुपए प्रति एकड़ अनुदान देने का प्रावधान किया गया है। इस स्कीम का लाभ लेने के लिए किसानों को 30 जून तक मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर आवेदन करना होगा। कृषि उप निदेशक डा. अजय यादव ने बताया कि इस वर्ष जिन किसानों ने देसी कपास की बिजाई की हुई है, वे सभी किसान अनुदान के पात्र हैं और आवेदन कर सकते हैं।
खेतों की जुताई करके रखें तैयार: कृषि उपमंडल अधिकारी रमेश रोहिल्ला ने बताया कि बरसात होना खरीफ के लिए बड़ी लाभदायक है। प्री-मानसून के बाद सक्रिय मानसून की बरसात भी आने वाली है, जो खरीफ के लिए बड़ी लाभदायक होगी। इसलिए किसान समय पर खेतों की जुताई करके उन्हें बिजाई के लिए तैयार रखें।