हरियाणा
फरीदाबाद रहा देश का सबसे प्रदूषित शहर, एयर क्वालिटी इंडैक्स दर्ज हुआ 324
Shantanu Roy
6 Oct 2023 11:21 AM GMT
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चंडीगढ़। पिछले 24 घंटों के दौरान हरियाणा में वायु प्रदूषण के स्तर में इजाफा दर्ज किया गया है। सैंटर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सी.पी.सी.बी.) की ओर से मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा का फरीदाबाद जिला देश में सबसे अधिक प्रदूषित रहा। शाम पांच बजे फरीदाबाद का एयर क्वालिटी इंडैक्स 324 दर्ज हुआ था जो कि बहुत खराब कैटेगरी में आता है। सी.पी.सी.बी. की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटों में इतना अधिक ए.क्यू.आई. किसी अन्य शहर का दर्ज नहीं किया गया। इसके अतिरिक्त कैथल का ए.क्यू.आई. 298 और सोनीपत का 297 रहा। वहीं, गुरुग्राम का ए.क्यू.आई. 292 और धारुहेड़ा का 226 दर्ज किया गया। प्रदेश के इन चार जिलों का ए.क्यू.आई. खराब कैटैगरी में आया है। हालांकि अन्य जिलों में अभी वायु प्रदूषण का स्तर इस कैटेगरी तक नहीं पहुंचा है। खास बात यह है कि जिन जिलों का वायु गुणवत्ता सूचकांक खराब आया है वहां मुख्य प्रदूषक पी.एम.-2.5 दर्ज किया गया है जो कि स्वास्थ्य की दृष्टि से घातक माना जाता है।
हरियाणा स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (एच.एस.पी.सी.बी.) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एन.सी.आर.) और उसके साथ लगते एरिया में डीजल जनरेटर सेट चलाने के लिए एमरजैंसी सर्विसिज को कुछ समय तक छूट दी है। वायु प्रदूषण से निपटने के लिए बोर्ड ने नए नियमों के तहत 1 अक्तूबर से डी.जी. सेट ऑपरेट करने की मंजूरी दी थी। जिसके बाद विभिन्न हितधारकों ने बोर्ड के सामने इन नियमों में बदलाव करने की मांग रखी थी। जिस पर बोर्ड ने अब नए नियमों के लिए एमरजैंसी सर्विसिज को 31 दिसम्बर तक का समय दिया है। इस दौरान जो मानक तय किए गए हैं डी.जी. सेट उनके अनुसार ही चलाए जा सकेंगे। इससे पहले मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमैंट, फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज, भारत सरकार ने एन.सी.आर. और उसके साथ के क्षेत्र में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमैंट इन नेशनल कैपिटल रीजन एंड एडज्वाइनिंग एरिया का गठन किया था। कमिशन ने डी. जी. सेट के बड़े पैमाने पर अनियमित उपयोग को क्षेत्र में वायु गुणवत्ता में गिरावट के लिए एक प्रमुख योगदान माना। जिसके बाद नए नियम तैयार किए गए और 2 जून को आदेश जारी करते हुए एक अक्तूबर से इन नियमों को लागू करने के लिए सभी संबंधित विभागों को निर्देश भेज दिए गए थे।
उत्सर्जन नियंत्रण तंत्र के बिना नहीं मिलेगी मंजूरी : नियमों के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत कार्रवाई से बचने के लिए सभी सूचीबद्ध आपातकालीन सेवाओं में उपयोग किए जा रहे डीजी सेटों के संबंध में 31 दिसम्बर या उससे पहले उचित उत्सर्जन नियंत्रण तंत्र स्थापित करना होगा। बिना उत्सर्जनन नियंत्रण तंत्र के 1 जनवरी 2024 से आपातकालीन सेवाओं को भी डी.जी. सेट ऑपरेट करने की मंजूरी नहीं दी जाएगी। इस दौरान राज्य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा इन निर्देशों का अनुपालन सुनश्चिित करने के लिए निरंतन अंतराल पर मॉनिटरिंग की जाएगी।
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Shantanu Roy
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