
सिरसा। जिले में बिजली कनेक्शन जारी करने की एवज में 10 हजार रुपये रिश्वत लेने के मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय ने बुधवार शाम आरोपी जेई बलजीत सिंह को दोषी करार दिया है, जबकि एएलएम सतबीर को बरी कर दिया। न्यायाधीश वाणी गोपाल शर्मा ने दोषी जेई बलजीत की सजा का फैसला 16 जुलाई तक सुरक्षित रख लिया है। जेई बलजीत और एएलएम सतबीर के खिलाफ सितंबर 2016 को स्टेट विजिलेंस ब्यूरो हिसार ने अभियोग दर्ज किया था। जेई ने कनेक्शन जारी करने की एवज में 10 हजार रुपये रिश्वत मांगी। 15 सितंबर 2016 को विजिलेंस ब्यूरो के उपायुक्त के संज्ञान में सारी बातें आई। इसके बाद प्रशासन की ओर से डीडीपीओ प्रीतपाल सिंह को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया।
विजिलेंस ने मुकेश कुमार को 10 हजार रुपये दिए, जिसमें एक-एक हजार के 10 नोट शामिल थे। इन नोटों पर फीनॉलफ्थेलिन पाउडर लगाया गया। इसके बाद मुकेश ने जेई बलजीत सिंह के कार्यालय पहुंचा। बलजीत ने मुकेश को उसकी दुकान में जाने के लिए कहा। इसके बाद मुकेश उसकी दुकान पर पहुंचा। कुछ देर बाद मुकेश ने बलजीत को कॉल की, तो उसने कहा कि वह एएलएम सतबीर को भेज रहा है। मुकेश से सतबीर ने जैसे ही 10 हजार रुपये लिए, तो तुरंत विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने उसे काबू कर लिया। करीब छह साल तक इस मामले की सुनवाई न्यायालय में चली। बुधवार को इस मामले का निपटारा करते हुए न्यायालय ने जेई बलजीत सिंह को दोषी करार दे दिया।
