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पंचायती राज संस्थाओं के कार्यकाल को लेकर बोले चुनाव आयुक्त धनपत सिंह, 3 वर्ष किए जाने की बात को बताया फर्जी

Shantanu Roy
16 Oct 2022 5:39 PM GMT
पंचायती राज संस्थाओं के कार्यकाल को लेकर बोले चुनाव आयुक्त धनपत सिंह, 3 वर्ष किए जाने की बात को बताया फर्जी
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चंडीगढ़। हरियाणा राज्य निर्वाचन आयुक्त धनपत सिंह ने कहा कि ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों तथा जिला परिषदों का कार्यकाल पहले की तरह पांच साल ही रहेगा। सोशल मीडिया पर एक फर्जी पत्र फैलाया जा रहा है, जिसमें पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल तीन साल किए जाने की बात कही गई है। आयोग ने इस संबंध में कोई भी पत्र जारी नहीं किया है, यह पूरी तरह फर्जी सूचना है। धनपत सिंह ने कहा कि किसी शरारती तत्व ने राज्य निर्वाचन आयोग के नाम से एक फर्जी पत्र बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया है। इस पत्र में पंचायती राज संस्थाओं के कार्यकाल को 3 वर्ष तक का बताया है। धनपत सिंह ने कहा कि आयोग यह स्पष्ट करना चाहता है कि ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों व जिला परिषद सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्ष ही है। सरपंच, पंच, पंचायत समिति सदस्यों व जिला परिषद समिति सदस्यों का चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित तय तारीखों पर होगा। धनपत सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर राज्य निर्वाचन आयोग के संबंध में फर्जी जानकारी फैलाने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी। आयोग ने इस संबंध में तत्काल संज्ञान लिया है।
पंचायती राज चुनाव के संबंध में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह नोटिफिकेशन पूरी तरह से फर्जी है। हरियाणा राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री धनपत सिंह ने कहा कि पंचायती राज के प्रतिनिधि पूरे पांच साल के लिए चुने जाएंगे।चुनावों को पूरी तरह से निष्पक्ष- व्यवस्थित और शांतिप्रिय ढंग से संपन्न करवाने को लेकर चुनाव आयोग ने इस बार होने वाले पंचायती राज चुनावों को तीन चरणों में करवाने का फैसला किया है। पहले चरण में 9 जिलों में होने वाले चुनावों की घोषणा के बाद अगले चरण में जिन 9 जिलों में चुनाव करवाए जाने हैं, उसकी पूरी रूपरेखा की घोषणा चुनाव आयोग ने कर दी है। इस महत्वपूर्ण विषय को लेकर राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने बताया कि दूसरे चरण में जिला चरखी दादरी, अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, रेवाड़ी, गुरुग्राम, रोहतक, सिरसा और सोनीपत में चुनाव करवाए जाएंगे। 9 नवंबर को जिला परिषद- पंचायत समितियों तथा 12 नवंबर को पंच -सरपंच के चुनाव होंगे। जिला उपायुक्त (डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर) इसकी सूचना के लिए पब्लिक नोटिस लगाएंगे। उन्होंने बताया कि 21 अक्टूबर को नामांकन की प्रक्रिया शुरू होकर 28 अक्टूबर तक चलेगी। जिनमें 3 दिन सरकारी अवकाश 23 को रविवार, 24 को दीपावली और 25 अक्टूबर को विश्वकर्मा डे के दिन नामांकन नहीं हो पाएगा। 29 अक्टूबर को आए हुए सभी नामांकन में से छटनी होगी और वैलिड नामांकन में से नामांकन वापस लेने वालों को 31 अक्टूबर तक वापस लेने की छूट रहेगी। उसी दिन फाइनल सूचि जारी की जाएगी और 3 बजे चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिए जाएंगे।
राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया एक अहम प्रक्रिया है जो 5 साल के बाद आती है। चुनाव पूरी तरह से निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से हो ताकि चुनाव प्रक्रिया में सबकी आस्था बनी रहे, इसके लिए पूरी तरह से व्यवस्थित तरीके से कार्य किया जाना अति आवश्यक है। इसमें चुनाव आयोग अकेले कुछ नहीं कर सकता। राज्य और जिला प्रशासन का सहयोग बहुत जरूरी होता है। चुनाव प्रक्रिया में ला एंड आर्डर एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। पुलिस प्रबंधन बेहद आवश्यक है। इसलिए राज्य सरकार से विचार विमर्श के बाद हमने 3 चरणों में चुनाव करवाने का फैसला किया है ताकि लॉ एंड ऑर्डर और शांति व्यवस्था बनी रहे। उन्होंने बताया कि 9 नवंबर को 2022 को 9 जिलों में जिला परिषद -पंचायत समितियों का चुनाव होगा। पंच सरपंचों का 12 अक्टूबर को होगा। मतदान का समय सुबह 9 से शाम 7 बजे तक रहेगा। इन 9 जिलों में 5963 बूथ में से 976 संवेदनशील और 1023 अति संवेदनशील बूथ चिन्हित हुए हैं। प्रदेश भर में होने वाले तीनों चरणों के चुनाव में कुल 40000 पुलिस कर्मचारी- अधिकारी तैनात किए जाएंगे। संवेदनशील बूथ पर एक अतिरिक्त और अतिसंवेदनशील बूथ पर 2 अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। बाकी सभी बूथों पर दो दो पुलिसकर्मियों की तैनाती रहेगी। संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों पर पेट्रोलिंग पार्टी मतदाान के दिन कम से कम एक बार पेट्रोलिंग अवश्य करें।कहीं किसी अन्य स्थान से अप्रिय घटना सूचना पर पेट्रोलिंग पार्टी पुलिस मौके पर तुरंत पहुंचेगी। धनपत सिंह ने बताया कि इन चुनावों में मतदान के लिए आने वाले शारीरिक रूप से असमर्थ मतदाता के लिए पास की डिस्पेंसरी- पीएचसी -सीएससी इत्यादि से व्हीलचेयर की व्यवस्था का इंतजाम रहेगा। रेड क्रॉस को भी व्हीलचेयर की व्यवस्था करवाने के लिए लिख दिया गया है। उन्होंने बताया कि कोई मतदाता फिजिकली अगर मतदान के लिए नहीं जा सकता तो परिवार का सदस्य को वोटिंग कंपार्टमेंट तक ले जाने की अनुमति होगी। लेकिन वोटिंग का पार्टमेंट में मतदाता को खुद ही वोट करना होगा।
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