हरियाणा

हार्ट सेंटर में डॉक्टर की जगह स्टॉफ करता पाया गया ईको, PNDT एक्ट के तहत हुई कार्रवाई

Admin4
5 Nov 2022 9:12 AM GMT
हार्ट सेंटर में डॉक्टर की जगह स्टॉफ करता पाया गया ईको, PNDT एक्ट के तहत हुई कार्रवाई
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फरीदाबाद। बादशाह खान अस्पताल में पीपीपी मोड पर तीसरी मंजिल पर चल रहे हार्ट सेंटर में झज्जर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शुक्रवार को पीएनडीटी एक्ट के तहत कार्रवाई की। टीम का नेतृत्व कर रहे डॉ. शैलेन्द्र डोगरा का कहना था कि उन्हें तकनीकी स्टॉफ दिनेश ईको करता मिला जिसे बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।
वहीं दूसरी ओर हार्ट सेंटर के अधिकारियों का कहना था कि झज्जर से आई स्वास्थ्य विभाग की टीम में महिला डॉ. ममता वर्मा ने उनके स्टॉफ दिनेश के साथ मारपीट की ओर महिला नर्सिंग स्टॉफ को गालियां भी दी जिससे मौके पर ही महिला नर्सिंग कर्मी रोती हुई देखी गई। इस पर हार्ट सेंटर के कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. ओम जीवन ने कार्रवाई टीम की डॉ. ममता को करारा जवाब दिया और कहा कि मैडम आप किसी भी कर्मचारी पर हाथ नहीं उठा सकती और न ही किसी को गाली दे सकती हैं। कार्रवाई के दौरान झज्जर की टीम दिल्ली की एक गर्भवती महिला को अपने साथ ईको कराने ले आई थी। कार्रवाई के दौरान टीम के नोडल ऑफिसर डॉ. शैलेन्द्र कैश काउंटर में घुस गए और गल्ले से 11 हजार रुपए निकाल लिए जिसमें से मिलान किए हुए नोट अढ़ाई हजार रुपए अपने पास रखे, बाकी रुपए हार्ट सेंटर के स्टॉफ को लौटा दिए। कार्रवाई की जानकारी पहले से ही फरीदाबाद सीएमओ डॉ. विनय गुप्ता को थी और उन्होंने झज्जर की टीम के साथ फरीदाबाद के डिप्टी सीएमओ डॉ. हरीश आर्य व डॉ एमपी सिंह को जांच अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया। लेकिन शाम को झज्जर की टीम निकलने तक भी मीडिया को यह नहीं बता सकी कि उन्होंने कार्रवाई पीएनडीटी एक्ट के तहत की है या कोई अन्य मामला बनाया है।
मामला उलझा हुआ देख झज्जर की टीम फरीदाबाद के अधिकारियों को जांच के दस्तावेज सौंप रवाना हो गई। वहीं फरीदाबाद के जांच अधिकारी देर शाम तक एफआईआर को लेकर मंत्रणा करते रहे और अधिकारियों के बयान दर्ज किए गए। देर शाम तक डिप्टी सीएमओ डॉ. हरिश आर्य किन धाराओं में मामला बनाया गया है यह नहीं बता सके और कहते रहे कि अभी और समय लगेगा। एकॉर्ड अस्पताल की कॉडियो लॉजिस्ट एवं डॉयरेक्टर डॉ. सिम्मी मनोचा ने बताया कि ईको की मशीन पीएनडीटी एक्ट के तहत आती है और इससे लिंग की जांच भी तभी संभव है जब मशीन का कनेक्टर (प्रोब) बदला जाए। यदि प्रोब बदल लेंगे तो इस मशीन से मरीज का अल्ट्रासाउण्ड भी हो सकता है। लेकिन ईको हमेशा वैल क्वालिफाइड डॉक्टर के द्वारा ही किया जाना चाहिए।

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