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नूंह: डीएसपी हत्या मामले (dsp murder case in nuh) में हरियाणा पुलिस ने राजस्थान के भरतपुर जिले से डंपर ड्राइवर को गिरफ्तार किया है. जिसका नाम मित्तर बताया जा रहा है. पुलिस ने मित्तर को गंगोरा गांव से गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि इसी मित्तर ने ही डीएसपी सुरेंद्र सिंह को डंपर से कुचलकर मौत के घाट उतारा था. जिसे अब गिरफ्तार कर लिया गया है. इस मामले में इक्कर नाम के एक आरोपी को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. कुल मिलाकर दो आरोपी अभी तक इस मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं.
इक्कर को पुलिस ने मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश कर पांच दिन की पुलिस रिमांड पर लिया है. हरियाणा पुलिस ने आरोपियों की धरपकड़ के लिए 10 टीमों का गठन किया है. इसके अलावा हरियाणा पुलिस ने नूंह पुलिस के बेड़े को बढ़ाने का फैसला किया है. तकरीबन 800 से 900 पुलिस के जवान नूंह में तैनात होंगे. तकरीबन 300 जवान नूंह में आ चुके हैं. जल्द ही बाकी 500 से 600 जवान अपनी ड्यूटी संभाल लेंगे. बता दें कि जिस डंपर से डीएसपी सुरेंद्र सिंह को कुचला (dsp murdered in nuh) गया था. पुलिस ने उस डंपर को बरामद कर लिया है.
वहीं डीएसपी सुरेंद्र सिंह की हत्या के बाद से उनके पैतृक गांव सारंगपुर में मातम का माहौल है. मंगलवार को उनका पैृतक गांव सारंगपुर में अंतिम संस्कार (dsp surendra singh funeral) किया जाना था, लेकिन उनका बेटा कनाडा से नहीं लौटा है. इसलिए डीएसपी सुरेंद्र सिंह का अंतिम संस्कार उनके बेटे के लौटने के बाद ही किया जाएगा.
वीरवार को अंतिम संस्कार: खबर है कि बुधवार रात तक उनका बेटा कनाडा से भारत लौट आएगा. जिसके बाद वीरवार को डीएसपी सुरेंद्र सिंह का अंतिम संस्कार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि गुरुवार को डीएसपी सुरेंद्र सिंह के हिस्से में आई जमीन में उन्हें मिट्टी दी जाएगी. बिश्नोई समाज में मृतक को दफनाया जाता है, जिसे सामाजिक रीत अनुसार मिट्टी देना कहा जाता है. परिवार का नियम है कि व्यक्ति की मौत के बाद उसे उसकी जमीन में ही मिट्टी दी जाती है.
परिजनों ने उठाए सवाल: डीएसपी सुरेंद्र सिंह के छोटे भाई अशोक कुमार ने स्थानीय प्रशासन और एसएचओ पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब डीएसपी को इस मामले की जानकारी थी, तो स्थानीय एसएचओ क्यों नहीं थी? डीएसपी जब मौके पर पहुंच गए तो मौके पर एसएचओ क्यों मौजूद नहीं थे? डीएसपी के साथ उनका सिक्योरिटी स्टाफ भी था. डंपर में मौजूद लोगों ने उन्हें तमंचे दिखाएं तो क्या सिक्योरिटी स्टाफ के पास ऑटोमेटिक बंदूक थी? उन्होंने क्या एक्शन लिया?
ये हत्या (dsp murdered in nuh) षड्यंत्र के तहत भी हो सकती है. इसके माइनिंग अधिकारियों की भी जिम्मेदारी बनती है. माइनिंग अधिकारी ऑफिस में बैठे रहते हैं और पुलिस वालों की बलि लेते हैं. इन सब की फोन लोकेशन और कॉल डिटेल की जांच होनी चाहिए. हो सकता है कि पहले रेकी की गई हो और किसी ने सूचना दी हो. हम चाहते हैं कि इसकी जुडिशरी जांच हो या फिर सीबीआई जांच की जाए.- अशोक कुमार, डीएसपी सुरेंद्र सिंह के छोटे भाई
क्या है पूरा मामला? हरियाणा के डीजीपी के मुताबिक डीएसपी सुरेंद्र सिंह को सूचना मिली थी कि कुछ लोग तावडू के पचगांव में अवैध खनन कर रहे हैं. सूचना मिलते ही डीएसपी अवैध खनन को रुकवाने के लिए अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे. डीएसपी अपनी टीम के एक ड्राइवर, दो सुरक्षाकर्मी के साथ मौजूद थे. मौके पर पहुंचने के बाद डीएसपी सुरेंद्र सिंह ने खनन माफियाओं को गिरफ्तार करने की कोशिश की. इस दौरान खनन माफियाओं ने पत्थर से भरा डंपर डीएसपी सुरेंद्र सिंह के ऊपर चढ़ा दिया. जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. इस दौरान डीएसपी के साथ आए सुरक्षाकर्मियों की खनन माफियाओं के साथ मुठभेड़ हुई. जिसमें एक आरोपी को पुलिस गिरफ्तार करने में सफल रही.
सोर्स: etvbharat.com
Gulabi Jagat
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