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एक तरफ सरकार जहां आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को जागरुक करने का काम कर रही है
एक तरफ सरकार जहां आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को जागरुक करने का काम कर रही है तो वहीं अब किसानों को ड्रैगन फ्रूट की खेती के बारे में भी जागरूक करने के लिए बागवानी विभाग कैंप लगा रहा है। इसी कड़ी में यमुनानगर में भी बागवानी विभाग में हिसार से आई डॉक्टर ने किसानों को इसके बारे में जागरूक किया।
उन्होंने बताया कि यह बिल्कुल नई तरह की खेती है, जिसके लिए देशभर के किसानों को जागरूक किया जाना जरूरी है। इसकी खेती के लिए ज्यादा उपजाऊ जमीन या फिर पानी की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि किसान इसकी खेती कर एक साल में ही फल ले सकते हैं और करीब तीन साल में लागत समेत अच्छी कमाई कर सकते हैं और कई गंभीर बीमारियों के इलाज में भी यह उपयोगी बताया जा रहा है। वहीं उन्होंने कहा कि ड्रैगन फ्रूट का आम पापड़ की तरह ड्रैगन पापड़ भी बनाया जा सकता है और जिस तरह बच्चों के लिए हॉर्लिक्स जैसे प्रोडक्ट दूध में मिलाने के लिए आते हैं इस तरह का प्रोडक्ट भी तैयार किया जा सकता है।
बागवानी विभाग के डॉक्टर ने बताया कि यमुनानगर के कई किसानों ने ड्रैगन फ्रूट की खेती के बारे में जानकारी लेने की इच्छा जाहिर की थी जिसके चलते यह कैंप लगाया गया है। डॉक्टर ने कहा कि सरकार भी इसकी खेती के लिए 50000 से 70000 रुपए तक अनुदान राशि दे रही है और इसके लिए यमुनानगर की मिट्टी भी अच्छी है।
वहीं किसानों ने बताया कि जिस तरह उन्हें ट्रेनिंग दी गई है उन्हें यह खेती अच्छी लगी है और जल्द ही वह इसकी खेती करेंगे। उन्होंने बताया कि इस फल का स्वाद भी बहुत अच्छा है।
ट्रेनिंग देने के दौरान डॉक्टर ने बताया कि जिस तरह भारत में तुलसी की पूजा की जाती है और इसे आंगन में लगाया जाता है तो वहीं वियतनाम में ड्रैगन फ्रूट को घरों के आंगन में लगाया जाता है। फिलहाल देखना यह होगा कि यमुनानगर के किसान इस खेती में कितना इंटरेस्ट लेते हैं।
Ritisha Jaiswal
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