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साइबर सुरक्षा के बगैर देश का विकास असंभव

Shantanu Roy
8 July 2022 4:45 PM GMT
साइबर सुरक्षा के बगैर देश का विकास असंभव
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चंडीगढ़। पूर्व केंद्रीय जल शक्ति व सामाजिक न्याय मंत्री वर्तमान सांसद रतनलाल कटारिया का मानना है कि साइबर सुरक्षा के बगैर देश का विकास संभव नहीं है। कटारिया ने यहां जारी बयान में कहा है कि 18 जुलाई से शुरू हो रहे लोकसभा सत्र में वें विश्व में बढ़ते हुए साइबर क्राइम का मुद्दा उठाएंगे। आज सारा विश्व बढ़ते हुए साइबर क्राइम को लेकर चिंतित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इनीशिएटिव से ही आज भारत हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, अगर हम साइबर सुरक्षा को सुनिश्चित नहीं करते हैं, तो हमारी यही ताकत हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती बन जाएगी। रतन लाल कटारिया ने कहा कि द्ब4ष्ट और सीआईएस डिवीजन के तहत सात स्तंभों में साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए काम चल रहा है— राष्ट्रीय साइबर अपराध थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट, राष्ट्रीय साइबर अपराध रिर्पोटिंग पोर्टल, राष्ट्रीय साइबर अपराध प्रशिक्षण केंद्र, राष्ट्रीय साइबर अपराध अनुसंधान और नवाचार केंद्र, जॉइंट साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन, राष्ट्रीय साइबर अपराध इकोसिस्टम प्रबंधन यूनिट और राष्ट्रीय साइबर अपराध फॉरेंसिक प्रयोगशाला। रतन लाल कटारिया ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में 2017 में गृह मंत्रालय में साइबर को सूचना सुरक्षा (सीआईएस) विभाग बनाया गया और वहां से साइबर सुरक्षा की दिशा में बहुत सारे कदम उठाए गए हैं।

द्यरतनलाल कटारिया ने कहा कि सीआईएस डिवीजन के तहत स्तंभों में साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए काम चल रहा है। राष्ट्रीय साइबर अपराध थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट राष्ट्रीय साइबर अपराध रिर्पोटिंग पोर्टल राष्ट्रीय साइबर अपराध प्रशिक्षण केंद्र, राष्ट्रीय साइबर अपराध अनुसंधान और नवाचार केंद्र, जॉइंट साइबर क्राइम आर्डिनेशन, राष्ट्रीय साइबर अपराध इकोसिस्टम प्रबंधन यूनिट और राष्ट्रीय साइबर अपराध फॉरेंसिक प्रयोगशाला में इसी उद्देश्य के साथ काम किए जा रहे हैं। कटारिया ने कहा कि कैपेसिटी बिल्डिंग के लिए भी काफी काम किया है। देशभर के पुलिसबलों के 16,000 से ज्यादा अफसरों का पोर्टल पर प्रशिक्षण हो चुका है, और 6,000 लोगों को सर्टिफिकेट भी दिए जा चुके हैं। इसके साथ-साथ साइबर अपराध फॉरेंसिक जांच में भी राष्ट्रीय साइबर अपराध फॉरेंसिक प्रयोगशाला के साथ-साथ नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी में भी अनुसंधान का काम चल रहा है। रतनलाल कटारिया ने कहा कि देश और दुनिया में कहीं पर भी साइबर फ्रॉड या साइबर अटैक का नए प्रकार का हमला होता है, तो नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी इसका संज्ञान लेकर और इस पर शोध कर इससे बचाव और सुरक्षा की प्रणाली विकसित करने के लिए काम कर रही है।

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