ग्रामीण द्वारा दूषित पानी का माइनरों में गिराना है जारी, सिंचाई विभाग गहरी नींद में
सोनीपत न्यूज़: जिले में ड्रेन, नहरों व माइनरों में दूषित पानी की निकासी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए जिला प्रशासनिक अधिकारी अपने कार्यालयों में बैठक योजनाएं बना रहे हैं। जबकि धरातल पर खेत में सिंचाई व पीने में इस्तेमाल होने वाले पानी को खुलेआम दूषित करने का काम किया जा रहा हैं। जुआं माइनर में सालों से ग्रामीण दूषित पानी डाल रहे हैं। ग्रामीणों ने माइनर के अंदर गंदे पानी की नलियों डाल रखी हैं। वहीं रेलवे फाटक के पास दूषित व जहरीला कैमिकल युक्त पानी डालने का काम किया जा रहा हैं। मामले को लेकर सिंचाई विभाग के अधिकारी कुंभकर्णी नींद में सोए हुए हैं। बता दें कि सोनीपत के गांव जुआं से गुजरने वाली माइनर दर्जन से अधिक गांवों में सिंचाई व पेयजल आपूर्ति करती है, लेकिन करीब 10 हजार की आबादी वाले गांव जुआं में जहां दो पंचायतें बनती हैं, वहां ग्रामीणों द्वारा माइनर पर अवैध कब्जे करते हुए इसमें शौचालयों की पाइप लाइन व नालियों का गंदा पानी डाला जा रहा है। माइनर में पानी के बंद रहने पर लोग अपने घरों का कूड़ा करकट भी इसमें डालकर पानी को दूषित कर रहे हैं। गांव में दो-दो पंचायत होने के बाद भी माइनर के रख रखाव की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा था। सरपंचों की मानें तो माइनर पर हुए कब्जे एवं पेयजल को दूषित करने संबंधी शिकायतें अनेकों बार प्रशासनिक अधिकारियों को दी जा चुकी हैं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी इस तरफ ध्यान देने की जहमत नहीं उठा हैं।
दर्जन से अधिक गांव माइनर के पानी पर निर्भर, फसलें खराब होने का भय: गांव जुआं से गुजरने वाली माइनर पर गांव जुआं के अलावा माछरी, भटगांव, जाजी, लोहारी टिब्बा सहित दर्जन से अधिक गांव निर्भर हैं। महीने में 15 दिन चलने वाली यह माइनर आस-पास बसे दर्जन से अधिक गांवों के लिए पेयजल और खेतों की सिंचाई का एकमात्र साधन है। लेकिन पानी के बंद रहने पर लोग अपने घरों का कूड़ा-कचरा डाल इसे दूषित कर रहे हैं। माइनर में पानी आने के बाद यही कचरा पानी में मिलकर उसे दूषित कर देता है। फाटक के पास बनी रूई फैक्टरी का कैमिकल युक्त जहरीला, दूषित पानी को माइनर में डालने का काम सरेआम किया जा रहा हैं। उक्त पानी से खेत में उगाई फसलों के खराब होने का भय बना हुआ हैं।
एसडीएम के नेतृत्व में हुई थी बैठक: लघु सचिवालय में बुधवार को स्पेशल एन्वायरन्मेंट सर्विलांस टास्क फोर्स की बैठक का आयोजन किया गया था। जिसकी अध्यक्षता एसडीएम शशि वसुंधरा द्वारा की गई। बैठक के दौरान उन्होंने विशेष रूप से ड्रेन, माइनर व नहरों में छोड़े जाने वाले पानी को लेकर विस्तार से समीक्षा की गई। निर्देश दिए कि सभी संबंधित विभाग जांच करें कि किसी भी तरह अशुद्ध पानी न छोड़ा जाए। इसके लिए सभी जरूरी प्रबंध किये जाएं। बैठक कर अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं। अगर किसी प्रकार की अधिकारियों की तरफ से लापरवाही मिलती हैं तो उन्हें खिलाफ विभागीय कार्यवाही के लिए लिखा जायेगा। पानी को किसी भी कीमत पर दूषित नहीं होने दिया जायेगा। संबंधित विभागों से उनके द्वारा की जा रही पानी की निकासी की रिपोर्ट भी तलब की। उन्होंने कहा कि इस दिशा में किये जाने वाले सभी कार्यों को शीघ्र पूरा करें। साथ ही उन्होंने इसके लिए जागरूकता कार्यक्रमों के आयोजन के निर्देश भी दिए हैं। शशि वसुंधरा, एसडीएम सोनीपत।