हरियाणा

मिड-डे मील में बच्चों को नहीं मिल रहे गुलगुले और पकौड़ी

Harrison
3 Oct 2023 10:43 AM GMT
मिड-डे मील में बच्चों को नहीं मिल रहे गुलगुले और पकौड़ी
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हरियाणा | जिले के राजकीय विद्यालयों के मिड-डे मील में मोटे अनाज के मीठे गुलगुले और बेसन की पकौड़ी नहीं मिल रही हैं. जबकि ये अन्य जिलों में बच्चों को मिलता है. प्रदेश के 18 जिलो के राजकीय विद्यालयों के बच्चों को मीठे पूड़े भोजन में मिलते हैं, जबकि फरीदाबाद, पलवल, गुरुग्राम और कुरुक्षेत्र में मिड-डे मील सीमित है.
हरियाणा में कक्षा पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को मिड डे मील दिया जाता है. 18 जिलों के विद्यालयों में स्कूल मुखिया और इंचार्ज की देखरेख में मिड डे मील तैयार करवाया जाता है. मिड डे मील की रिवाइज रैसिपी निदेशक मौलिक शिक्षा हरियाणा पंचकूला द्वारा जारी की गई है. इस रैसिपी में महीने के 4 सप्ताह के अलग अलग दिन के लिए रैसिपी निर्धारित की गई है. शिक्षा निदेशालय के रैसिपी और संस्था की रैसिपी में अंतर है. महीने के पहले सप्ताह में रैसिपी में से पौष्टिक मिलैट परांठा विद कर्ड गायब है, इसी तरह महीने के दूसरे सप्ताह में संस्था की रैसिपी में बेसन पेडा व पूडी दोनों गायब हैं, महीने के तीसरे सप्ताह की रैसिपी में से गुलगुले गायब हैं.
बच्चों को एक समान भोजन दिया जाए हरिओम
हरियाणा प्राइमरी टीचर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष हरिओम राठी ने कहा कि प्रदेश के 18 जिलों में जहां स्कूल मुखिया मिड-डे मील तैयार करवा रहे हैं, वहां रैसिपी में गुलगुलों को बनवाने एवं शेष 4 जिलों में जहां संस्था मिड डे मील तैयार करवा रही है वहाँ रैसिपी में से गुलगुलों गायब होना कुरूक्षेत्र, गुरूग्राम, फरीदाबाद एवं पलवल के बच्चों के साथ ऐसा लगता है कि इन जिलों के बच्चों को गुलगुलों से परहेज है. संघ मांग करता है कि प्रदेश के सभी जिलों के बच्चों को एक समान मिड डे मील दिया जाए एवं महंगाई को देखते हुए प्रति बच्चा राशि बढाई जाए अन्यथा प्रदेश के 18 जिलों के मिड डे मील बनवाने का कार्य किसी प्राइवेट एजैंसी को दिया जाए जिससे शिक्षक बच्चों की पढाई के लिए ज्यादा समय दे सकें. प्रदेश कोषाध्यक्ष चतर सिंह एवं प्रदेश संरक्षक वीरेंद्र रुहिल ने भी यही बात कही.
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