हरियाणा

मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना: मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य

Admin Delhi 1
26 July 2022 9:22 AM GMT
मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना: मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य
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कुरुक्षेत्र न्यूज़: बागवानी विभाग के उप-निदेशक बिल्लू यादव ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा परंपरागत खेती में बढ़े हुए जोखिम और लागत को देखते हुए अब नए बाग लगाने पर किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। विशेष रुप से जिले में धान के स्थान पर फलों के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने बाग लगाने के लिए विशेष अनुदान योजना शुरू की है। उपनिदेशक बिल्लू यादव ने बातचीत करते हुए कहा कि सामान्य दूरी वाले बागों के लिए जिसमें बेर, चीकू, लीची, आंवला, आडू एवं नाशपाती आदि फलों के लिए प्रति एकड़ लगभग 95 पौधे प्रति एकड़ लगाने के लिए 65 हजार प्रति एकड़ के हिसाब से 50 फीसदी 32500 रुपए का अनुदान प्रदान किया जाएगा, जिसमें प्रथम वर्ष 19500, द्वितीय और तृतीय वर्ष के लिए 6500-6500 रुपए की राशि प्रदान की जाएगी। इसी प्रकार सक्षम बागों के लिए जिसमें आम, अमरुद, नींबू वर्गीय, अनार, आडू, अलूचा, नाशपाती, अंगूर, पपीता एवं ड्रैगन फ्रूट आदि फलों के लिए प्रति एकड़ 111 पौधे लगाने के लिए 1 लाख रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से 50 हजार रुपए का अनुदान प्रदान किया जाएगा, जिसमें प्रथम वर्ष 30 हजार, द्वितीय व तृतीय वर्ष के लिए 10-10 हजार रुपए की अनुदान राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि टिशु कल्चर खजूर प्रति एकड़ लगभग 63 पौधे लगाने के लिए 2 लाख प्रति एकड़ के हिसाब से 1 लाख 40 हजार का अनुदान दिया जाएगा, जिसमें प्रथम वर्ष 84 हजार और द्वितीय और तृतीय वर्ष में 28-28 हजार रुपए की अनुदान राशि प्रदान की जाएगी।

उन्होंने कहा कि पौधा जाल प्रणाली (मुख्यत: अनार, ड्रैगन फ्रूट, अमरूद, अंगूर इत्यादि बागों के लिए) 1 लाख 40 हजार के हिसाब से 70 हजार रुपए का अनुदान प्रदान किया जाएगा। इन योजनाओं के तहत एक किसान अधिकतम 10 एकड़ क्षेत्र में अनुदान प्राप्त कर सकता है। आवेदन हेतु हॉर्टनेट.जीओवी.इन पर पंजीकरण करवाया जा सकता है, अनुदान पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर प्रदान किया जाएगा। इस योजना का लाभ लेने के लिए मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण होना अनिवार्य है। सूक्ष्म सिंचाई/ड्रिप सिंचाई प्रणाली का लाभ लेने के लिए मीकाडा.हरियाणा.जीओवी.इन पर आवेदन किया जा सकता है। इस विषय में अधिक जानकारी के लिए संबंधित जिला उद्यान अधिकारी कार्यालय से संपर्क किया जा सकता है।

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